देहरादून: भू-धंसाव के बाद जोशीमठ के भविष्य पर अध्ययन कर रही आठ अलग-अलग संस्थानों के वैज्ञानिकों की टीमों अपनी रिपोर्ट राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को सौंप दी है। जोशीमठ में उद्यान विभाग की भूमि पर निर्माणाधीन मॉडल शेल्टर भी बनकर तैयार होने वाला है. इसके अलावा ढाक गांव, चमोली में प्रीफैब शेल्टर के निर्माण की कार्यवाही जारी है। अधिकारियों के मुताबिक सर्वेक्षण में दरारों वाले भवनों की संख्या में बढ़ोतरी नहीं हुई है और पानी के डिस्चार्ज में भी बढ़ोतरी नहीं हुई है। अग्रिम राहत के तौर पर 3.77 करोड़ रुपये की धनराशि 307 प्रभावित परिवारों को वितरित की गई है।
सचिव रंजीत सिन्हा ने बताया कि जोशीमठ में भू-धंसाव और पानी के रिसाव की असल वजह पता लगाने के लिए अलग-अलग आठ संस्थानों के एक्सपर्ट वहां पर काम कर रहे थे, जो गहराई से जोशीमठ के ताजा हालात का अध्ययन कर रहे थे। सभी संस्थानों ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को सौंप दी है, जिस उत्तराखंड में शासन स्तर पर 27 जनवरी को एक बड़ी बैठक होनी है। विशेष तौर पर यह बैठक जोशीमठ आपदा को लेकर गठित की गई शासन स्तर की कमेटी द्वारा की जा रही है।
उन्होंने बताया कि 27 जनवरी को होने वाली इस बैठक में केंद्र से मांगे जाने वाले राहत पैकेज को लेकर कुछ निर्णायक फैसला लिया जा सकता है। वहीं इसके अलावा कर्णप्रयाग की बहुगुणा नगर में लगातार हो रहे भू-धंसाव पर जानकारी देते हुए आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि शिकायतें मिलने पर IIT रुड़की को कर्णप्रयाग बहुगुणा नगर में जांच के लिए निर्देशित किया गया है। जिस पर IIT रुड़की ने अपनी इन्वेस्टीगेशन पूरी कर ली है और आगामी 4 से 5 दिनों में वह अपनी प्रारंभिक जांच सौंप देंगे। जिसके बाद आगामी 10 दिनों में DPR बनाने का काम पूरा हो जाएगा।