नैनीताल में जिला सहकारी समिति का सहकारिता सम्मेलन का आयोजन हुआ। इसमें समिति सदस्यों और किसानों की समस्याएं सुझाव लिए जाने के साथ ही किसानों की बेहतरी के लिए विभिन्न विषयों पर चर्चा की गई। सम्मेलन के दौरान धन सिंह रावत ने कहा कि अब प्रदेश के हर जिले से एक किसान का चयन किया जाएगा, जो विदेश में जाकर वहां की खेती के गुर सीखेगा और उसका प्रयोग यहां करेंगे। इसके अलावा 15 किसानों को हिमाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश और सिक्किम समेत देश के अन्य पहाड़ी राज्यों में भेजा जाएगा।
इस दौरान धन सिह रावत ने कहा कि उत्तराखंड में बीजेपी सरकार के आने से पहले समितियां करीब 56 करोड़ रुपए घाटे में थी, लेकिन जब से प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी तब से सहकारिता को नई पहचान मिली है। इन समितियों के माध्य से आज प्रदेश में किसानों और महिलाओं की स्थिति सुधरी है। पिछले पांच सालों में सहकारिता विभाग को प्रदेश में करीब 150 करोड़ रुपए का लाभ हुआ है। इसके अलावा 6 लाख से ज्यादा किसानों और चार हजार समूहों को जीरो प्रतिशत के दर से ऋण दिया गया है। जिससे अब किसानों की आय दोगुनी हो रही है।
धन सिह रावत ने सभी सहकारिता समिति संचालकों को निर्देश दिए है कि सभी लोग 15 सितंबर से पहले अपनी सोसाइटियों को पूर्ण रूप से कंप्यूटरीकृत कर लें, नहीं तो सहकारिता से जुड़ी समितियों को सरकार की योजनाओं को लाभ नहीं मिल सकेगा। लोगों ने सहकरिता मंत्री धन सिह रावत से सभी समितियों में रिक्त पड़े पदों को भरने की मांग की है। इसके अलावा क्षतिग्रस्त हो चुके समीतियों के कार्यालयों की मरमम्त करने की मांग की है। इसके साथ ही पहाड़ों में बेची जा रही जमीनों को बिना सहकारी समितियों की सहमति पर बिक्री पर रोक लगाने की मांग की गई।