देहरादून: उत्तराखंड चारधाम यात्रा के मद्देनजर परिवहन विभाग दमखम से तैयारियों में जुटा हुआ है। इसी क्रम में परिवहन विभाग ने चार धाम यात्रा रूटों पर संचालित होने वाले सभी कमर्शियल वाहनों को जीपीएस लगाने की बाध्यता रखी थी, जिसके बाद ही कमर्शियल वाहनों को ग्रीन कार्ड जारी किया जा रहा था, लेकिन, चारधाम यात्रा शुरू होने में बचे कुछ दिन को देखते हुए परिवहन विभाग ने ग्रीन कार्ड के लिए जीपीएस की अनिवार्यता को फिलहाल 31 मई तक के लिए समाप्त कर दी है। रोडवेज बस दुर्घटनाग्रस्त होने पर जो भी जनहानि होगी तो मृतक के परिजनों को अब दो लाख नहीं, बल्कि सात लाख रुपये मुआवजा तत्काल दिया जाएगा। इसके लिए मजिस्ट्रेटी जांच के इंतजार का नियम पहले ही खत्म किया जा चुका है।
विधानसभा में मीडिया से बातचीत में परिवहन मंत्री चंदन रामदास ने बताया कि रोडवेज बस का जो भी टिकट कटता है, उसमें यात्री का पांच लाख रुपये का बीमा होता है। अधिकारी इससे अनजान बने हुए थे। उन्होंने इससे संबंधित सभी शासनादेश निकलवाए। तब पता चला कि हर यात्री का पांच लाख रुपये का बीमा है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस बीमे की राशि मसूरी बस हादसे के मृतकों के परिजनों को तत्काल भुगतान की जाए। इसके साथ ही भविष्य में अगर रोडवेज बस की कोई भी दुर्घटना होती है और उसमें किसी यात्री की मृत्यु होती है तो उसके परिजनों को तत्काल परिवहन विभाग से दो लाख और परिवहन निगम से पांच लाख रुपये की राशि दी जाएगी।