Joshimath: घर बनाने के लिए भूमि के साथ धन भी देगी सरकार, प्रभावितों के पुनर्वास को सरकार का प्‍लान तैयार

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Joshimath Sinking: चमोली जिले के जोशीमठ शहर के आपदा प्रभावितों के पुनर्वास की दिशा में सरकार गंभीरता से कदम बढ़ा रही है। जोशीमठ में विस्थापन और पुनर्वास के संबंध में अपर मुख्य सचिव वित्त आनंद वर्धन की अध्यक्षता में बैठक हुई। जिसमें आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत सिन्हा ने बताया इस बैठक में चमोली जनपद से दो विधायक अनिल नौटियाल और भूपाल राम टम्टा के अलावा मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि भी इस बैठक में शामिल हुए। जिला प्रशासन भी वर्चुअल माध्यम से इस बैठक में शामिल हुआ। आपदा प्रभावितों को भूमि और भवनों के क्षति की एवज में एकमुश्त समाधान (वन टाइम सेटलमेंट) के साथ ही घर के बदले घर और भूमि के बदले भूमि का विकल्प भी दिया गया है।

सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने जोशीमठ आपदा प्रभावित अपनी मर्जी से तीनों में से किसी एक विकल्प का चुनाव कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि जमीन का मुआवजा सर्किल रेट के आधार पर तय किया जाएगा। सर्किल रेट कितना निर्धारित किया जाएगा, इस पर कैबिनेट बैठक में निर्णय लिया जाएगा। डॉ. सिन्हा ने बताया कि भवनों का मुआवजा केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) के निर्धारित मानकों के अनुसार दिया जाएगा। इसके अलावा बड़े होटलों को पूरा मुआवजा दिया जाएगा। जबकि छोटी-छोटी दुकानों और होटलों (ढाबों) को भी दो विकल्प दिए जाएंगे।

पहले विकल्प के तौर पर छोटे दुकानदार और ढाबा संचालक एक साथ पूरा मुआवजा ले सकेंगे। जबकि दूसरे विकल्प के तौर पर विस्थापित की जाने वाले जगह पर 15 वर्गमीटर में दुकान बनाकर आवंटित की जाएगी। आपदा प्रबंधन सचिव डा. रंजीत कुमार सिन्हा के अनुसार समिति ने इन विकल्पों पर सहमति जताई। उन्होंने बताया कि जोशीमठ में जांच कार्य में जुटे संस्थानों की अंतिम रिपोर्ट के बाद स्पष्ट होगा कि कितने परिवारों का स्थायी रूप से पुनर्वास किया जाना है। प्रभावितों के पुनर्वास के लिए मुआवजे की दरों के निर्धारण से संबंधित प्रस्ताव कैबिनेट में रखा जाएगा, जो इस बारे में निर्णय लेगी। साथ ही कैबिनेट यह भी तय करेगी कि किस वर्ष के सर्किल रेट के आधार पर मुआवजा दिया जाना है।