जी हां दोस्तो उत्तराखंड कि सियासत में फिर हलचल है, हरक सिंह रावत के ताजा बयान ने एक नई जंग को जन्म दिया है। वैसे क्यों प्रदेश की सियासत में पर्सनल अटैकिंग हो रही है, क्या ये सियासत का हिस्सा है। क्यों हरक सिंह रावत ने कह दिया कि बीजेपी के नेताओं की पत्नियां उनके लिए स्टोव में परोठे बनाती थी। इसके बाद क्या बीजेपी के तरकस में तीर कौन हरक सिंह रावत को दे रहा सियासी नैतिकता का ज्ञान बताउंगा आपनी इस रिपोर्ट के जरिए। दोस्तो उत्तराखंड की राजनीति में फिर से तूफान खड़ा करने वाले कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत ने बीजेपी के शीर्ष नेताओं पर व्यक्तिगत हमला बोला है। विनोद चमोली और सतपाल महाराज के बाद अब रमेश पोखरियाल ‘निशंक’, तीरथ सिंह रावत, त्रिवेंद्र सिंह रावत और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का नंबर आ गया। रावत ने दावा किया कि इन नेताओं की पत्नियों ने उनके लिए स्टोव पर परांठे बनाए थे, जिससे सोशल मीडिया पर विवाद छिड़ गया। दोस्तो वैसे आज बात हरक की हो रही है इससे इतर इससे पहले भी हाल के दिनों में परसनल अटैक एक दूसरे पर खूब हो रहा है। हरक सिंह रावत के बीजेपी नेताओं की कुंडली खोलने और नीजि जिंदगी की बात सियासी तौर पर करना बीजेपी वालों को पसंद नहीं आ रहा है। पर्सनल अटैक पर बीजेपी ने इस बार क्या कहा किसका बयान आया वो दिखाउं उससे पहले इस नए ट्रेंड को कुछ इस तरफ से समझ सकते हैं।
दोस्तो हरक सिंह के कड़े तेवरो को देखने के बाद बीजेपी नेताओं ने भी मोर्चा संभाल था इससे पहले भी एक के बाद एक बीजेपी के नेता हरक सिंह पर निशाना साधने का काम किया और आज भी हो रहा है। वहीँ बीजेपी के वरिष्ठ नेता सतीश लखेड़ा ने तो अपने बयान में हरक सिंह रावत को उत्तराखंड की राखी सावंत करार दे डाला था। साथ ही अन्य कई निशाने भी हरक सिंह रावत पर साधे हैँ बीजेपी नेता सतीश लखेड़ा का बयान सामने आते ही कांग्रेस की नेत्री सोनिया आनन्द ने पलटवार करते हुए कह दिया था कि लखेड़ा जी तो खुद राजनीति के सनी लियोनी बनने की लाइन में सबसे आगे खड़े हैं। नेताओं के इन बयानों को देखकर तो लग रहा था कि जैसे पॉलिटिक्स नहीं बल्कि नेटफ्लिक्स सीरीज का नया ट्रेलर लॉन्च हो गया हो, लेकिन दोस्तो अब जब हरक सिंह रावत ने कह दिया कि बीजेपी नेताओं की पत्नियां उनके लिए पराठे बनाती थी तो इसको क्या नाम देंगे आप अब ये कौन सा सिरीयल चल रहा है। आप बताइयेगा लेकिन बीजेपी की तरफ विनोद चमोली से सवाल किया गया तो उन्होंने हरक सिंह रावत को सिर्फ नैतिकता का पाढ़ पढाया और कुछ बोला नहीं वैसे यहां ये भी बता दूं कि हरक सिंह रावत ने विनोद चमोली को पूराने दिन याद दिलाये थे, लेकिन आप सुनिए विनोद चमोली को वैसे दोस्तो इससे पहले विनोद चमोली को लेकर हरक सिंह रावत ने कहा था कि विनोद चमोली के रोजगार की जिम्मेदारी हरक सिंह रावत ने ली थी। बकौल हरक सिंह रावत ने कहा कि जब मैं मंत्री था उत्तरप्रदेश सरकार में मै विनोद चमोली के घर पर लंच कर रहा था। तब उनकी मां ना कहा था हाथ जोड़ कर कि बेटा विनोद का ख्याल रखना।
इसलिए मैं विनोद चमोली के खिलाफ कुछ नहीं बोलुंगा और इधर विनोद चमोली ने भी ऐसा कुछ बोला नहीं लेकिन इससे इतर आज चर्चा इस बात कि सियासी तौर पर भी तेज हो चली है कि बीजेपी के नेताओं की पत्नियों ने हरक सिंह रावत के लिए स्टोव पर पराठे बनाएं। वैसे तो दोस्तो हरक सिंह रावत के इस ताजा बयान पर मै खबर आपको दिखा चुका हूं लेकिन फिर बता दूं कि जहां एक तरफ हरक सिंह रावत बीजेपी नेताओं की पत्नियों का जिक्र कर रहे थे। वहीं दूसरी तरफ हरक सिंह रावत बीजेपी नेताओं की शिक्षा की बात भी कर रहे थे। जिसमें उन्होंने तीरथ रावत के जर्नलिज्म डिप्लोमा में फेल होने का भी जिक्र किया, दावा करते हुए कि उन्होंने ही डंगवाल जी से कहकर उनका एडमिशन कराया था, लेकिन एग्जाम में मदद न कर पाने से वो असफल रहे। रावत ने अपनी पुरानी जान-पहचान का हवाला देते हुए कहा, मैं सबको जानता हूँ – बाएँ-दाएँ हर एक को। एक नाम बोल दो, सब बता दूँगा। हरक सिंह रावत ने अजय भट्ट का उदाहरण देते हुए बताया कि रानीखेत में मोहन सिंह रावत के घर उनकी पत्नी ने परांठे बनाए थे..यहां तक कि भगत सिंह कोश्यारी की ‘उत्तरांचल’ किताब का जिक्र कर दावा किया कि उन्होंने 1,000 प्रतियाँ बेचीं, जिससे खर्च चलता था। खनन घोटाले पर भी रावत ने तंज कसा, कहते हुए कि धामी सरकार में रिपोर्ट देने के एक ही दिन हरिद्वार और उधमसिंह नगर डीएम को शिकायतें भेजी गईं, लेकिन उसी दिन पट्टे जारी हो गए – ठीक धनसिंह जी के जमीन घोटाले की तरह। देखा जाए तो राजनीति और व्यक्तिगत बयान अब इतनी घुलमिल चुके हैं कि कभी-कभी साधारण बातें भी बड़ा बवाल खड़ा कर देती हैं। उत्तराखंड इन बयानों के शोर ने साफ कर दिया है कि नेताओं की निजी टिप्पणियाँ अब सिर्फ निजी नहीं रह गईं।