Haridwar Stampede: मृतकों की संख्या बढ़कर हुई 8, 34 साल पहले भी ऐसी हादसे में गई थी पांच लोगों की जान

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मनसा देवी मंदिर भगदड़ हादसा कई परिवारों को गहरा जख्म दे गया। भगदड़ की चपेट में हर उम्र के लोग आए, चाहे वो बच्चा हो या फिर बुजुर्ग। भगदड़ में मृतकों की संख्या बढ़कर आठ हो गई है। वहीं घायलों की संख्या तीस बताई जा रही है। Haridwar Mansa Devi Stampede उत्तराखंड सरकार की तरफ से रविवार 27 जुलाई देर शाम को ही ये जानकारी दी गई है। उत्तराखंड सरकार पहले ही मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख और घायलों को 50-50 रुपए देने की घोषणा कर चुकी है। इसके अलावा मनसा देवी ट्रस्ट की तरफ से भी मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख और घायलों को एक-एक लाख रुपए की मुआवजा देने की घोषणा की है। जहां भक्ति गीत, भजन और माता के जयकारे सुनाई देते थे। वहां अचानक भगदड़ मचने के बाद चीख पुकार सुनाई देने लगी। हर कोई अपनी जान बचाने को भागने लगा। क्योंकि, करंट फैलने की अफवाह फैल गई थी। ऐसे में जो भाग न सके वो गिर गए और उनके ऊपर से लोग गुजर गए। कुछ लोगों की घुटन से होने लगी तो कोई दर्द से कराह उठा। इसी बीच अपनों को खोजने का सिलसिला शुरू हुआ। काफी खोजबीन के बाद अपने तो मिले, लेकिन कोई घायल मिला तो कई जान गंवा चुके थे।

मनसा देवी मंदिर में भगदड़ की यह दूसरी बड़ी घटना है। 1992 के अर्धकुंभ से ठीक एक महीना पहले दिसंबर 1991 में भी मनसा देवी की इन्हीं सीड़ियों पर भगदड़ हुई थी, जिसमें पांच लोगों की जान चली गई थी और दर्जनों लोग घायल हो गए थे। तब भी प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया था कि अधिक भीड़ होने के कारण मंदिर के दरवाजे बंद कर दिए गए थे, जिस कारण भगदड़ मच गई। 1991 की दुर्घटना की उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जांच आयोग गठित किया गया था उसकी रिपोर्ट में मनसा देवी मंदिर परिसर में अतिक्रमण को मुख्य कारण बताया गया था। आयोग ने मंदिर परिसर में फूल प्रसाद की दुकान, रेस्टोरेंट तथा वहां लगी पानी की टंकी को हटाने की सिफारिश की थी। मनसा देवी मंदिर पैदल मार्ग पर रविवार की सुबह नौ बजे भगदड़ मच गई। हादसे में एक 12 साल के बालक सहित आठ श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 30 लोग घायल हो गए। भीड़ के बीच कुछ दूरी पर फंसे एक चश्मदीद ने भी भीड़ का दबाव बढ़ने पर रास्ते में दीवारों पर लगी बिजली तारें पकड़ने पर करंट लगने का दावा किया है। मार्ग पर बनी दीवार पर तारें पकड़कर श्रद्धालु आगे की तरफ बढ़ रहे थे और करंट लगने के बाद भगदड़ मच गई।