उत्तराखंड विधानसभा में पेश किया गया कठोर धर्मांतरण विरोधी विधेयक, ये हुआ बदलाव

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देहरादून: भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा में महिला आरक्षण विधेयक सहित विधानसभा में पेश किए गए सभी विधेयकों और उत्तराखंड धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम में कड़े प्रावधानों को शामिल करने वाले संशोधन विधेयक का स्वागत किया है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने के प्रावधान से राज्य की आधी आबादी को इसका पूरा अधिकार मिल जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि जबरन धर्म परिवर्तन के दोषी पाए जाने वालों को 10 साल की सजा के प्रावधान से ऐसे आपराधिक तत्वों में कानून का डर पैदा होगा।

भट्ट ने कहा कि भाजपा सरकार द्वारा विधानसभा में पेश किए गए सभी विधेयकों का उद्देश्य लोक कल्याण और जनता की उम्मीदों पर खरा उतरना है। कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने जानकारी दी कि, चूंकि उत्तराखंड चीन और नेपाल से सटा हुआ राज्य है, इसके चलते प्रदेश में धर्मांतरण किए जाने के आसार बने रहते हैं। इसलिए इस कानून को और भी सशक्त बनाया गया है। विधेयक के ड्राफ्ट में कहा गया है, ‘कोई भी व्यक्ति, सीधे या अन्यथा, किसी अन्य व्यक्ति को एक धर्म से दूसरे धर्म में गलत बयानी, बल, अनुचित प्रभाव, जबरदस्ती, प्रलोभन या किसी भी धोखाधड़ी के माध्यम से परिवर्तित नहीं करेगा। कोई भी व्यक्ति इस तरह के धर्म परिवर्तन को बढ़ावा नहीं देगा, मना नहीं करेगा या साजिश नहीं करेगा।