पेपर लीक पर इंसाफ मांगा और जवाब में क्या मिला? पुलिस उठा ले गई! दोस्तो एक शांतिपूर्ण भूख हड़ताल, ना नारेबाज़ी, ना कोई बवाल बस एक माँग — CBI जांच! और सत्ता का जवाब — साइलेंस नहीं, बल्कि एक्शन… वो भी पुलिसिया। Haldwani Youth Hunger Strike अब सवाल ये है —क्या अब सच बोलना भी सजा बन गया है?क्या पेपर लीक पर आवाज़ उठाना अब सरकार को चुनौती देना माना जा रहा है?और क्या इस डर के माहौल में युवाओं की आवाज़ को कुचलने की कोशिश की जा रही है?आज मै आपको दिखाउंगा वो तस्वीर, वो सवाल और वो सच्चाई —जो सिर्फ परीक्षा नहीं, पूरे सिस्टम की नीयत पर सवाल खड़ा कर रही है। दोस्तो ये जो तस्वीर में मै आपको दिखाने जा रहा हूं, उस पर आप भी माथा पकड़ने को मजबूर हो जाएंगे। आपके मने भी ये सवाल आयेगा कि अगर अपने प्रदेश उत्तराखंड में कोई पेपर लीक मामले की सीबीआई जांच की मांग करता है, वो प्रदर्शन करता है वो भूख हड़ताल करता है। उसकी तबीयत बिगड़ने लगती है, वो सीएम धामी से फोन पर बात करता है और उसके बाद उसके साथ क्या होता है, क्योंकि ये मामला अब सिर्फ एक पेपर लीक नहीं,ये प्रदेश के भविष्य की इम्तिहान की घड़ी है। सीबीआई जांच को लेकर शांति पूर्ण ढंग से भूख हड़ताल पर बैठे भूपेंद्र कोरंगा को पुलिस ने किस जबरदस्ती तरह उठा लिया।
दोस्तो ये तस्वीर तब सामने आई है दोस्तो जब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भूपेंद्र कोरंगा से भूख हड़ताल तोड़ने की अपील की। भूपेंद्र कोरंगा ने कहा कि SIT की जाँच नहीं चाहिए। परीक्षा रद्द और सीबीआई जांच घोषित नहीं होगी, आंदोलन जारी रहेगा, उसके बाद ऐसा क्या हो गया कि पुलिस ने अपने हक के लिएआंदोलन कर रहे युवा को पुलिस जबरन उठा लिया लेकिन जब मुख्यंत्री से फोन पर बात हुई तब क्या बोला भूपेंद्र कोरंगा। दोस्तो ये वो बात चीत थी जब मुख्यमंत्री धामी जी ने हल्द्वानी में भूपेंद्र कोरंगा जी से भूख हड़ताल तोड़ने की अपील की, लेकिन सवाल युवाओं के भविष्य का है। परीक्षा रद्द नहीं होगी और भर्तियों की सीबीआई जांच नहीं होती,तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा।कह डाली योगी जी की तरह कठोर निर्णय लेने की बात, लेकिन आप क्यों नहीं कर सकते। दोस्तो इस बात चीत के बाद लगा की कुछ बदलाव होगा, लेकिन ये ये वाला बदलाव होगा किसी से सोचा नहीं था कि सीबीआई जांच की मांग कर रहे हल्द्वानी में युवा भूपेंद्र कोरंगा को पुलिस उठा कर जबरन उठा कर ले गई। दोस्तो सवाल युवाओं के भविष्य का है। परीक्षा रद्द नहीं होगी और भर्तियों की सीबीआई जांच नहीं होती,तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा, वहीं दूसरी ओर एक तस्वीर और दिखाई दी। दोस्तो मै भूपेंद्र कोरंगा को जबरन उठाने और उनके आंदोलन पर बात करूं उससे पहले एक और तस्वीरआंदोलन की दिखाना चाहता हूं। दगड़ियो UKSSSC पेपर लीक प्रकरण को लेकर बेरोजगार युवाओं का धरना-प्रदर्शन लगातार जारी है। हल्द्वानी बुद्ध पार्क में आंदोलनरत युवाओं ने अनोखे अंदाज़ में विरोध दर्ज कराया। प्रदर्शनकारियों ने भैंस का पोस्टर लगाकर बीन बजाई और सरकार को जगाने का प्रयास किया।
युवाओं का कहना है कि वे असल भैंस धरना स्थल पर लाना चाहते थे, लेकिन पुलिस व प्रशासन ने रोक दिया। प्रदर्शनकारी लगातार CBI जांच और विवादित परीक्षा को तत्काल निरस्त करने की मांग उठा रहे हैं। तो दोस्तो एक तरफ बीजेपी वाले कप्तान का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें वो इन प्रदर्शनकारियों को अनपढ कह रहे हैं और दूसरी ओर अपनी मित्र पुलिस धरने पर बैठे युआ भूपेंद्र कोरंगा को उठा ले जाती है। आप को बता दूं दोस्तो धरने पर बैठे भूपेंद्र सिंह कोरंगा बीते चार दिनों से भूख हड़ताल पर हैं और उनकी हालत बिगड़ती जा रही है। वहीं प्रदर्शनकारी युवाओं ने जमकर नारेबाजी करते हुए मुख्यमंत्री से बेरोजगारों को न्याय देने की अपील की, तो पुलिस कोरंगा को उठा ले गई। दोस्तो हल्द्वानी में पेपर लीक मामले में भूख हड़ताल पर बैठे युवा भूपेंद्र कोरंगा को पुलिस ने जबरन उठाया, इस दौरान प्रदर्शनकारियों के बीच हुई जमकर नोंकझोंक, पुलिस पर लगे अभद्रता के आरोप!
दगड़ियो तो क्या वाकई अब इंसाफ की मांग करना भी अपराध है? क्या शांति से बैठकर लोकतंत्र में अपनी बात रखना भी सत्ता को नागवार गुजरता है? एक ओर सरकार कहती है — युवाओं के साथ अन्याय नहीं होगा, तो दूसरी ओर शांतिपूर्ण विरोध करने वालों को जबरन उठाया जा रहा है। पेपर लीक के ज़िम्मेदार अभी भी आज़ाद घूम रहे हैं, लेकिन जो सवाल पूछ रहा है — उसे चुप कराने की कोशिश हो रही है युवाओं के भविष्य के साथ हुआ ये खिलवाड़ अब सिर्फ एक जांच का मामला नहीं,ये एक जनविश्वास का संकट है। अब मै तो सवाल करूंगा ही। सवाल उठाउंगा आप क्या कहेंगे आप भी सवाल कर सकते हैं मेरे इन बहुतेरे सवालाों के जवाब कमेंट के जरिए दे सकते हैं और खबर को शेयर कीजिएगा ताकि और लोग खबर को देखें और अपनी बात कमेंट कर पाएं। वहीं इधर एक तस्वीर ऐसी भी देखने को मिली जब यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले में खानपुर से विधायक उमेश कुमार ने मुख्यमंत्री धामी को पत्र लिख इस मामने में ज्ञापन सौंपा और उमेश कुमार पहले विधायक हैं जो पेपर लीक के मामले में सीबीआई जांच की मांग को लेकर सीएम धामी से मिले। उनकी सीएम से हुई मुलाकात में सीएम धामी ने आश्वासन दिया कि बच्चे हमारे ही है, हमें भी पीड़ा है, और समाधान मैं ही करूंगा।