Rain in Uttarakhand: उत्तराखंड में बीते कई दिनों से मूसलाधार बारिश हो रही है, जिसके कारण पहाड़ का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। पहाड़ों पर भारी बारिश के बाद जो हालात बने हैं, उसका असर पर्यटन भी पड़ा है, जिसका खामियाजा व्यापारियों को उठाना पड़ रहा है। क्योंकि पर्यटन उत्तराखंड की आर्थिकी में बड़ा योगदान देता है, लेकिन बारिश के कारण उत्तराखंड का पर्यटन कारोबार लगभग चौपट सा हो गया है। उत्तराखंड में मॉनसून हर साल अपने साथ तबाही की कुछ खौफनाक यादें छोड़कर जाता है। ऐसे ही कुछ इस बार भी देखने को मिल रहा है। प्रदेश में भारी बारिश के कारण भूस्खलन की घटनाएं बढ़ गई हैं, जिस कारण प्रदेश में कई मुख्य मार्ग बंद पड़े हुए हैं। बारिश के कारण उत्तराखंड की सड़कों और पुलों को इस बार 506 करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान उठाना पड़ा है। कई जगहों पर हालात ऐसे बन गए हैं कि गांवों का संपर्क तहसील और जिला मुख्यालय से कट गया है।
मंगलवार 22 अगस्त को उत्तराखंड के पौड़ी जिले में भी बादल फटने की घटना सामने आई थी। बादल फटने से जल प्रलय ने इलाके में भारी तबाही मचाई थी, जिसका असर ये हुआ है कि मेरठ-पौड़ी नेशनल हाईवे का एक हिस्सा भी पानी के तेज बहाव में बह गया था। वहीं चमोली जिले का हेलंग उर्गम सड़क मार्ग भी पिछले 15 दिनों से बंद पड़ा हुआ है। यहां हालात इतने खराब हो गए हैं कि रोजमर्रा के काम के लिए भी लोगों को जान जोखिम में डालनी पड़ रही है। वहीं, कुछ जगहों पर हालत ऐसे हैं, जहां सड़कें पिछले एक हफ्ते से बंद पड़ी हुई है। इस बारे में जब पीडब्ल्यूडी सचिव पंकज कुमार पांडेय ने सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि जो मेजर सड़कें हैं, उनमें मशीनें लगाई गई हैं, लेकिन फिर भी बारिश के कारण सड़कों पर मलबा आ जा रहा है। ऐसे में इस भारी बारिश के बीच मशीनों को तत्काल पहुंचने में दिक्कतें आती है। लेकिन वर्तमान में करीब 450 मशीनें अलग अलग जगह तैनात की गई हैं।