धराली आपदा: जौलीग्रांट ग्रांट से धराली पहुंचायी जा रही हैवी मशीनरी राहत सामग्री, अब तक निकाले गये 729 लोग

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उत्तरकाशी के धराली में भीषण आपदा के बाद राहत एवं बचाव कार्य युद्धस्तर पर लगातार जारी है। मुख्यमंत्री के दिशा निर्देशन में धराली आपदा के कारण गंगोत्री क्षेत्र से तीर्थयात्रियों को सुरक्षित निकाला जा रहा है। Uttarakhand Cloudburst Live Updates तीर्थयात्रियों को चिनूक, MI-17 और हैलीकॉप्टर से मातली, चिन्यालीसौड़, सहस्रधारा और जौलीग्रांट लाने के बाद सुरक्षित उनके गंतव्यों के लिए भेजा जा रहा है। जिलाधिकारी सविन बंसल के नेतृत्व में जिला प्रशासन की टीम तत्परता के साथ राहत कार्यो में जुटी है। रेस्क्यू कार्यो के लिए सभी आवश्यक संशाधनों को धराली भेजा जा रहा है। जौलीग्रांट एयरपोर्ट से आज चिनूक और MI-17 हैलीकॉप्टर द्वारा जेनसेट, डीजल, साइलेंसर, केवल, रिलायंस जिओ टावर सामग्री, ड्राई एवं फ्रेस राशन, फूड पैकेट्स, वेजिटेबल आदि सामग्री धराली भेजी गई। जरूरत पडने पर मोडिफाइड ब्रिज और वर्मा ब्रिज पहुंचाने की तैयारी है। घाटी में कम्युनिकेशन व्यवस्था वहाल करने हेतु शुक्रवार को जिओ टावर की सामग्री के साथ आपरेटर्स की टीम भेजी गई है। हलांकि खराब मौसम के कारण जौलीग्रांट में हैलीकॉप्टरों को उडान भरने के लिए काफी इतंजार करना पडा। मौसम साफ होने पर जौलीग्रांट से जरूरी रेस्क्यू सामग्री और रसद भेजी गई।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर हर्षिल घाटी में मोबाइल नेटवर्क बहाल हो गया है। उत्तराखंड सीएमओ ने ये जानकारी दी है। गौरतलब है कि 5 अगस्त दोपहर में धराली में आई आपदा के बाद से हर्षिल घाटी में मोबाइल नेटवर्क ध्वस्त हो गया था। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने धराली आपदा से बचाए गए पीड़ितों को सांत्वना दी। गढ़वाल मंडल के आयुक्त विनय शंकर पांडे और पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ के साथ सीएम ने आपदा प्रभावित धराली-हर्षिल के ग्राउंड जीरो पर सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ द्वारा चलाए जा रहे बचाव कार्यों की समीक्षा की। भारतीय सेना की राजपूताना राइफल्स के 125 जवान, घातक टीम के 10 जवान, स्पेशल फोर्स के 30 जवान और BEG रुड़की के 250 जवान मलबे व कीचड़ के बीच लोगों को खोज रहे हैं। इसके अलावा सेना के 75 जवान और 7 खोजी कुत्ते मलबे में दबे लोगों का पता लगाने में जुटे हैं। इतना ही नहीं आईटीबीपी के 113 जवान पैदल मार्गों से प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचकर राहत कार्य कर रहे हैं।