केंद्रीयगृह मंत्री अमित शाह एक दिवसीय उत्तराखंड दौरे रहे। शाह ने मसूरी में लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी (LBSNAA) में 99वें कॉमन फाउंडेशन कोर्स के समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। उन्होंने अकादमी में भारतीय लोक सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों से संवाद भी किया। जिसके बाद देर शाम केंद्रीय गृह मंत्री वापस दिल्ली रवाना हुए। मसूरी एलबीएसएनएए पहुंचकर सबसे पहले उन्होंने सरदार वल्लभभाई पटेल और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की प्रतिमा पर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान सीएम पुष्कर सिंह धामी भी उनके साथ मौजूद रहे। इसके बाद वे 99वें कॉमन फाउंडेशन कोर्स के अधिकारी प्रशिक्षुओं (ओटी) के समापन कार्यक्रम में पहुंचे। जहां उन्होंने भारतीय लोक सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों से संवाद किया।
युवा अधिकारियों को संबोधित करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि आज यहां एक विकसित और आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करने वाले शिल्पियों का समूह उपस्थित है, जो अभ्यास, कर्मठता और ऊर्जा से लबरेज़ है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने हम सबके सामने लक्ष्य रखा है कि 2047 में जब देश की आज़ादी की शताब्दी मनाई जाएगी, उस वक्त भारत दुनिया में हर क्षेत्र में सर्वप्रथम होगा। शाह ने उपस्थित अधिकारियों से कहा कि अगले 25 वर्षों में एक विकसित और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की दिशा में युवा अधिकारियों द्वारा किए जाने वाले कार्य देश को आज़ादी दिलाने वाले महापुरुषों के सपनों को साकार करने में योगदान देंगे। उन्होंने कहा कि यह मिशन तभी सफल होगा जब सभी 140 करोड़ देशवासी एकजुट होकर इसे साकार करेंगे।
शाह ने प्रधानमंत्री मोदी की ‘Whole of Government approach’ का उल्लेख करते हुए कहा कि कोई भी गतिविधि आइसोलेशन में नहीं परिणाम दे सकती, इसीलिए ‘Whole of Government approach’ के साथ काम करने पर ही सफलता प्राप्त होगी। केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आज उपस्थित चयनित सिविल सेवा अधिकारियों में 38 प्रतिशत महिलाएं हैं। उन्होंने कहा कि जब तक देश की 50% जनसंख्या नीति निर्धारण संबंधी निर्णयों में शामिल नहीं होंगी, तब तक प्रधानमंत्री मोदी द्वारा दिया गया ‘Women-led Development’ का कंसेप्ट पूरा नहीं होगा। अमित शाह ने कहा कि अधिकारियों का काम सरकार को Reactive नहीं बल्कि Pro-Active बनाने का है। उन्होंने कहा कि विकास को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना और सुनिश्चित करना कि हर घर में शौचालय, बिजली और अन्य आवश्यक सुविधाएं पहुंचें, यह अधिकारियों का दायित्व है।