उत्तराखंड के चारों मुख्य तीर्थ स्थलों केदारनाथ, बद्रीनाथ और गंगोत्री, यमुनोत्री पर इस बार तीर्थयात्रियों की भारी भीड़ जुटी। पिछले चार दिनों में अकेले केदारनाथ और बद्रीनाथ के लिए 96 हजार से अधिक लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। ये सब देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने यात्रियों की यात्रा को सुगम बनाने के लिए टेक्नोलॉजी का सहारा लिया है। बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति ने तिरुपति बालाजी, वैष्णो देवी, महाकाल और सोमनाथ मंदिर के प्रबंधन और व्यवस्था का अध्ययन करने के लिए एक समिति बनाई थी। कमेटी ने अब अपने सुझाव सौंप दिए हैं। अब मंदिर समिति मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से चर्चा के बाद नया नियम (एसओपी) जारी करेगी।
जानकारी के मुताबिक मंदिर समिति इस बार मंदिर परिसर में एक तय सीमा के भीतर मोबाइल को प्रतिबंधित करने पर विचार कर रही है। पिछले यात्रा सीजन में केदारनाथ के गर्भ गृह में मोबाइल ले जाकर वीडियो वायरल करने का मामला सामने आया था जिसके बाद मंदिरों में मोबाइल ले जाने पर प्रतिबंध लगाने की मांग उठी थी। इस तरह की शिकायतें कई बार आ चुकी हैं। इसके साथ ही मंदिरों में कर्मचारियों और पुजारियों के लिए ड्रेस कोड या विशेष परिधान पर भी विचार करने का सुझाव दिया गया है। बाकी SOP के लिए एक बैठक कर फैसला लिया जाएगा।
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि रजिस्ट्रेशन के बाद, तीर्थयात्री के रजिस्ट्रर्ड मोबाइल नंबर पर एक क्यूआर कोड भेजा जाएगा। इस कोड को मंदिर में दिखाना होगा, जहां से तीर्थयात्रियों को एक टोकन प्रदान किया जाएगा। इस टोकन में तीर्थयात्री को एक स्लॉट आवंटित होगा जिससे वे परेशानी मुक्त होकर यात्रा कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि तीर्थयात्रियों का रेजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया गया है, ताकि हम अन्य राज्यों से आने वाले तीर्थयात्रियों की डिटेल प्राप्त कर सकें। उन्होंने कहा इससे हमें तीर्थयात्रियों की सटीक संख्या मालूम चलेगी और ये हमें उन्हें बेहतर सुविधाएं प्रदान करने में भी मदद करेगा।