सिलक्यारा टनल हादसा: बेटे की याद में मां-बाप ने छोड़ा खाना पीना, CM धामी ने की मजदूरों के परिजनों से भेंट

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सिलक्यारा टनल हादसे में चंपावत के 22 वर्षीय पुष्कर समेत 40 मजदूर पिछले 16 दिनों से फंसे हैं। Pushkar of Champawat trapped in Uttarkashi tunnel पुष्कर के माता-पिता को पुष्कर की चिंता सताने लगी है। माता-पिता का कहना है कि 15 नवंबर को परियोजना मैनेजर ने उन्हें फोन पर उनके बेटे के टनल में फंसे होने की जानकारी दी। जानकारी मिलने के बाद पुष्कर के माता-पिता का रो-रोकर बुरा हाल है। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने टनल में फंसे श्रमिक पुष्कर सिंह ऐरी जी के टनकपुर, चंपावत स्थित आवास पहुंचकर उनके परिजनों से भेंट की। सीएम धामी ने उनके परिजनों का हौसला बढ़ाया। सीएम ने इस दौरान उन्हें श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए केंद्रीय एजेंसियों एवं प्रदेश प्रशासन द्वारा किए जा रहे अथक प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हम सभी श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए पूरी ताकत के साथ कार्य कर रहे हैं।

उत्तराखंड शासन में सचिव डॉ. नीरज खैरवाल ने बताया कि पाइप में फंसे ऑगर मशीन की ब्लेड एवं साफ्ट को काटने का कार्य जारी है। इसके लिए लेजर कटर व प्लाज्मा कटर को भी मंगाया गया है, जो की सिलक्यारा पहुंच चुका है। उन्होंने बताया अब 13 मीटर के हिस्से को निकाला जाना बाकी है। श्रमिकों से बातचीत के लिए बीएसएनएल की मदद से अतिरिक्त कम्युनिकेशन सेटअप तैयार किया गया है। श्रमिकों को पर्याप्त मात्रा में भोजन और अन्य आवश्यक सामग्री मुहवैया कराई गई है। फंसे श्रमिकों का निरंतर डॉक्टरो से बातचीत करवाई जा रही है। साथ ही मनोचिकित्सकों से भी निरंतर परामर्श करवाया जा रहा है। RVNL द्वारा भी परपेंडिकुलर होरिजेंटल ड्रिलिंग का कार्य शुरू किया गया है। इसके लिए सभी मशीनें पहुंच चुकी हैं। परपेंडिकुलर होरिजेंटल ड्रिलिंग हेतु कंक्रीट बेड बनाए जाने का कार्य जारी है।