देहरादून: देश में मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलो को देखते हुए सरकार ने अलर्ट जारी कर दिया है। केरल व दिल्ली में मंकीपाक्स के मामले मिलने के बाद राज्य में भी स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है। केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों पर विभाग की ओर से जिलों को निर्देश जारी कर दिए गए। इसके तहत मंकीपॉक्स प्रभावित देशों से आने वाले लोगों की विशेष निगरानी करने और संदिग्ध मरीजों के लिए अलग वार्ड आरक्षित करने के निर्देश दिए गए हैं।
प्रभारी स्वास्थ्य सचिव डा. आर राजेश कुमार की ओर से जारी आदेश में सभी जिलों को सतर्क किया गया है। निर्देश दिए हैं कि मंकीपाक्स प्रभावित देश या राज्य से आने वाले लोग की सघन निगरानी की जाए। यदि किसी में मंकीपाक्स के लक्षण पाए जाते हैं तो सैंपल तुरंत जांच के लिए भेज उसे आइसोलेट किया जाए। केंद्र के निर्देशानुसार किसी भी व्यक्ति की जांच रिपोर्ट पाजिटिव आने पर तुरंत कांट्रेक्ट ट्रेसिंग करने और पिछले 21 दिन में मरीज के संपर्क मे आए सभी व्यक्तियों की पहचान की जाए। जिलों को मंकीपाक्स के संदिग्ध/पुष्ट मामलों के लिए अस्पताल चिहि्नत करने के लिए कहा गया है।
एसओपी में अस्पतालों को अलर्ट रहने, मंकीपाक्स के लक्षण दिखने पर मरीज को आईसोलेशन में रखकर सैंपलिंग कराने, संदिग्धों के लिए अलग वार्ड और आईसोलेशन सुनिश्चित करने, अस्पतालों में दवाई और पर्याप्त कर्मचारी तैनात रखने को कहा गया है। राज्य में अभी मंकीपॉक्स का कोई भी मामला सामने नहीं आया है। हरिद्वार में एक संदिग्ध मरीज मिला था लेकिन उसकी रिपोर्ट नेगेटिव आई है। इसके बावजूद बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सभी अस्पतालों को हाई अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए गए हैं। ताकि इस बीमारी को फैसले से रोका जा सके।
एसओपी में दिए गए निर्देश
- एक भी मामला मिलने पर उसे प्रकोप माना जाएगा।
- कोई भी मामला मिलने पर तुरंत कांटेक्ट ट्रेसिंग, टेस्टिंग की जाए।
- आगे प्रसार को रोकने के लिए मरीज को आइसोलेट करें।
- किसी संदिग्ध के मिलने पर तुरंत जिला/राज्य सर्विलांस यूनिट को सूचना दी जाए।
- तय गाइडलाइन के अनुसार अधिकृत लैब को सैंपल भेजे जाएं।
- रैपिड रिस्पांस टीम की ओर से जांच की जाए।
- समूह आधारित या संभावित मामलों में लक्षित निगरानी की व्यवस्था की जाए।
- अस्पताल आधारित निगरानी के तहत त्वचा रोग, यौन संचारित àqरोग, मेडिसिन, बाल रोग ओपीडी आदि में निगरानी और परीक्षण।