जोशीमठ में गुरुवार को बाकी दिनों के मुकाबले हलचल ज्यादा रही। आखिरकार तमाम कोशिशों के बाद प्रदर्शन कर रहे लोगों को हटाया गया और होटल मलारी को तोड़ने का काम शुरू हुआ। गुरुवार को वहां एक तरफ SDRF-NDRF और पुलिसकर्मी दिखे। वहीं दूसरी तरफ था होटल मलारी के मालिक का परिवार जो अपने जान से प्यारे होटल के तोड़े जाने से भावुक हो गए थे। धंसते जोशीमठ में सबसे पहले दो होटलों (मलारी हिल्स, माउंट व्यू) को ही गिराया जाना है। ये दोनों ही होटल एक दूसरे की तरफ झुक गए हैं, इनके गिरने से दूसरी इमारतों को नुकसान होने का खतरा बना हुआ है। हालांकि, होटल मलारी को तोड़ने का काम कुछ ही घंटों के भीतर ही बारिश की वजह से रुक गया। अब अगर आज मौसम ठीक रहा तो दोबारा शुरू होगा।
होटल मलारी को गिराने का फैसला प्रशासन पहले ही ले चुका था। लेकिन इस काम में प्रदर्शन कर रहे लोग रुकावट बन गए थे। मलारी होटल कुल मिलाकर सात मंजिल है। होटल का सबसे ऊपर का हिस्सा पहले तोड़ा जाएगा। इसके लिए मजदूर टायर लेकर पहुंचे थे। इन टायरों पर मलबा गिराया जाएगा ताकि मलबा गिरने पर कोई कंपन ना हो। गुरुवार को एसडीआरएफ की टीम 7 मंजिला इमारत को तोड़ने के लिए सबसे पहले उसकी छत पर गई। वहां से पानी की टंकियों को पाइप लाइन से अलग किया गया। फिर एक-एक करके सामान को रस्सियों के सहारे हटाया गया।
उत्तराखंड के आईजी ने इसपर कहा है कि इस ऑपरेशन में समय लग सकता है लेकिन इसे 24 घंटे चलाया जाएगा और दिन-रात काम होगा ताकि जोशीमठ में किसी बड़े अनहोनी को रोका जा सके। जोशीमठ में जहां बरसात होने लगी वहीं जोशीमठ से ऊपर की पहाड़ियों में भारी बर्फबारी की खबर आई। इसके चलते लोगों को आशंका है कि अगर बर्फबारी तेज हुई और बारिश तेज हुई तो पहाड़ के धंसने और जमीन के खिसकने की रफ्तार बढ़ जाएगी ऐसे में लोगों पर संकट बढ़ सकता है। वही, सीएम धामी की अध्यक्षता में शुक्रवार दोपहर 12 बजे कैबिनेट मीटिंग होगी। इसमें जोशीमठ राहत प्लान पर चर्चा हो सकती है।