देहरादून: उत्तराखंड के केदारनाथ धाम के गर्भगृह की सुरक्षा को देखते हुए यहां इंडो-तिब्बत बार्डर पुलिस (आईटीबीपी) की एक प्लाटून तैनात कर दी गई है। धाम में पुलिस की एक टुकड़ी भी तैनात है। मंदिर के कपाट बंद होने से पूर्व ही धाम के गर्भगृह को लगभग 30 किलो सोने से स्वर्णमंडित किया गया था। मंदिर की सुरक्षा को देखते हुए शीतकाल के दौरान मंदिर की सुरक्षा का जिम्मा आईटीबीपी को दिया गया है।
बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि केदारनाथ के कपाट बंद होने के बाद मंदिर की सुरक्षा के लिए गृह मंत्रालय को पत्र भेजा गया था। पत्र के माध्यम से मंदिर के गर्भगृह की दीवारों को स्वर्णमंडित करने के बारे में बताया गया था, जिसकी सुरक्षा के लिए व्यापक इंतजाम की जरूरत बताई गई थी। गृह मंत्रालय ने धाम में एक प्लाटून आईटीबीपी की भेज दी है। आईटीबीपी के 30 जवान सोमवार को धाम पहुंच गए। पुलिस अधीक्षक डॉ. विशाखा भदाणे के अनुसार केदारनाथ धाम में पुलिस के 20 जवान भी तैनात हैं।
उत्तराखंड में स्थित भगवान बद्री विशाल की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी आईटीबीपी को दी गई है। अब तक धाम की सुरक्षा का जिम्मा पुलिस के पास रहता था। सरकार द्वारा गृह मंत्रालय से आईटीबीपी तैनात करने को पत्र लिखा गया था, जिसे केंद्र ने मंजूरी दे दी है। दो कंपनी आईटीबीपी की बद्रीनाथ में तैनात होंगी। विशेष सचिव गृह रिदिम अग्रवाल ने बताया है कि केंद्र से आईटीबीपी तैनात करने की अनुमति मिल गई है।