केदारनाथ हेलीकॉप्टर क्रैश: आर्यन हेली कंपनी का तीन साल में दो बार हेलीकॉप्टर क्रैश, 14 ने गंवाई जान

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रुद्रप्रयाग जिले के गौरीकुंड में रविवार सुबह हेलीकॉप्टर क्रैश हुआ। जिसमें 7 लोगों की मौत हगो गई। हेलीकॉप्टर केदारनाथ से यात्रियों को लेकर गुप्तकाशी लौट रहा था। Gaurikund Helicopter Accident बता दें कि हेली एविएशन कंपनी के साथ हादसों का पुराना नाता रहा है 3 साल पहले भी इसी कंपनी का हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हुआ था कंपनी ने सरकार द्वारा बनाई गई SOP का सीधे तौर पर उल्लंघन किया है। वर्ष 2018 में आर्यन हेली एविएशन के साथ आर्मी एविएशन से सेवानिवृत्त हुए लेफ्टिनेंट कर्नल 57 वर्षीय अनिल सिंह पायलट की जिम्मेदारी निभा रहे थे। यह उनकी आखिरी उड़ान थी और उसके बाद उन्हें अपने घर वापस लौटना था। लेकिन हेलिकॉप्टर क्रैश होने से उनकी दर्दनाक मौत हो गई थी। इधर, रविवार को भी आर्यन हेली एविएशन के पायलट सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट कर्नल राजवीर सिंह चौहान ने जैसे ही केदारनाथ से गुप्तकाशी के लिए टेकऑफ किया, कुछ ही दूरी तय कर हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया।

केदारनाथ आपदा के बाद केदारघाटी में लगातार हेली सेवाओं में काफी वृद्धि हुई है। साथ ही लोगों का हेली सेवाओं के प्रति क्रेज भी बढ़ा है। केदारघाटी में वर्तमान में नौ हेलीपैडों से आठ हेली सेवाओं का संचालन हो रहा है। जिसमें गुप्तकाशी से आर्यन व ट्रांस भारत, फाटा से पवनहंस, थंबी एविएशन, ग्लोबल विक्ट्रा एविएशन, ट्रांस भारत, शेरसी से हिमालयन, क्रिस्टल एवं ऐरो एविएशन शामिल है। प्रतिवर्ष डेढ लाख से अधिक यात्री हेली सेवा से भोले बाबा के दर्शनों को पहुंचते है, लेकिन मानकों के अनुसार हेली उड़ाने न होने से लगातार हेलीकाप्टर दुर्घटनाएं भी होती आ रही है। जिससे खामियाजा भोले बाबा के दर्शन का आने वाले भोले भाले यात्रियों को जान गया कर देनी पड़ती है। पिछले चार वर्षों में कुल छह दुर्घटनाएं घटित हो चुकी है। जिसमें से चार दुर्घटनाओं में कोई भी जनहानि नहीं हुई थी। जबकि आर्यन हेलीकॉप्टर की दो दुर्घटनाओं में पायलेट समेत 14 लोग अपनी जानें गंवाई है।