केदारनाथ में फंसे यात्रियों को निकालने के लिए पांचवे दिन भी रेस्क्यू जारी है। कुछ दिन पहले केदारनाथ यात्रा पड़ावों पर भारी बारिश के बाद आपदा जैसे हालात पैदा हो गये थे। Kedarnath Rescue Operation जिसके बाद लिंचौली, भीमबलि के साथ ही दूसरे स्थानों पर सैकडों श्रद्धालु फंस गये। जिन्हें निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। एसडीआरएफ, एनडीआरएफ के साथ ही सेना के जवान राहत बचाव कार्य में जुटे हैं। सोनप्रयाग, गौरीकुंड में भी आपदा के बाद के हालातों को सुधारा जा रहा है। रविवार शाम तक केदारनाथ धाम से 58 लोगों को, भीमबली तथा लिंचोली से 1849 लोंगों को तथा चीड़बासा (गौरीकुण्ड) से 75 लोगों को, इस प्रकार कुल 1982 लोगों को एयरलिफ्ट किया गया है। भीमबली तथा लिंचोली से लगभग 455 लोगों को चौमासी-कालीमठ के रास्ते निकाला गया है तथा गौरीकुण्ड से सोनप्रयाग हेतु लगभग 6662 लोगों को सकुशल निकाला गया है।
सीएम पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर सोनप्रयाग में पुल का निर्माण शुरू हो गया है। साथ ही सोनप्रयाग-केदारनाथ मार्ग पर फंसे तीर्थयात्री और पर्यटकों को भी निकाला जा रहा हैकेदारनाथ घाटी में भूस्खलन के बाद तीर्थयात्री और पर्यटकों की ही परेशानियां नहीं बढ़ी हैं, बल्कि पशुओं के लिए भी खाने की समस्या हुई है। जिसे देखते हुए पशुपालन विभाग ने रुद्रप्रयाग में फंसे खच्चरों और घोड़ों के लिए ‘पशु आहार’ भेजा है। सीएम धामी ने नितिन गड़करी से राज्य की क्षतिग्रस्त सड़कों के पुनर्निर्माण का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि बरसात के बाद चारधाम यात्रा सहित राज्य में पर्यटकों की आवाजाही तेजी से बढ़ेगी, जिसके लिए सड़कों की समय पर मरम्मत जरूरी है। मुख्यमंत्री ने सड़कों की मरम्मत के लिए केंद्रीय सड़क सुरक्षा कोष के अंतर्गत आवश्यक धनराशि स्वीकृत करने का भी अनुरोध नितिन गडकरी से किया। मुख्यमंत्री ने कहा राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में सड़कें ही यातायात का प्रमुख साधन हैं, इसलिए क्षतिग्रस्त सड़कों की समय पर मरम्मत राज्य हित में जरूरी है।