केदारनाथ धाम यात्रा में विगत तीन-चार दिन से घोड़ा-खच्चरों में बढ़ रहे संक्रमण के चलते घोड़ा-खच्चरों का संचालन बंद था। Horse operation started in Kedarnath दरअसल, इक्वाइन इन्फ्लूएंजा वायरस के चलते पशुपालन विभाग की ओर से घोड़े-खच्चरों को आराम दिया गया। जिसके बाद यात्रा मार्ग पर डंडी-कंडी और पिट्ठू संचालकों ने मोर्चा संभाला। अब रविवार से एक हजार घोड़े-खच्चरों का संचालन शुरू हो गया। इससे उन तीर्थ यात्रियों ने राहत की सांस ली, जो तमाम कारणों से पैदल यात्रा नहीं कर सकते। गौरीकुंड से 1709 घोड़ा-खच्चरों पर सवार होकर यात्री केदारनाथ स्थित घोड़ा पड़ाव पहुंचे। पूरे पैदल मार्ग पर अलग-अलग स्थानों पर पशु चिकित्सकों ने जानवरों के स्वास्थ्य की जांच की। वहीं, म्यूल टॉस्क फोर्स भी निगरानी करती रही।
मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ. आशीष रावत व अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. अशोक लीलाधर बिष्ट के मार्गदर्शन में पशु चिकित्सकों ने जानवरों की जांच की और उन्हें स्वस्थ घोषित किया। इसके बाद 1709 घोड़ा-खच्चरों को केदारनाथ के लिए रवाना किया गया। पशु चिकित्सकों की टीम ने इन जानवरों की जंगलचट्टी, भीमबली, लिनचोली और बेस कैंप में जांच की। बीते शुक्रवार को ट्रायल के रूप में पैदल मार्ग पर घोड़ा-खच्चर की आवाजाही शुरू कराई गई। उस दिन 46 घोड़ा-खच्चर केदारनाथ गए। शनिवार को 311 और रविवार को एक हजार से अधिक घोड़ा-खच्चर तीर्थयात्रियों को लेकर गौरीकुंड से रवाना किए गए। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डा. आशीष रावत ने बताया कि संक्रमित घोड़े-खच्चरों के स्वास्थ में अब सुधार आने लगा है। इसलिए उनका सीमित संचालन शुरू कर दिया गया है।