उत्तराखंड में विपक्ष को ‘निपटाने’ की धमकी! नेता प्रतिपक्ष पर हो गया हमला? वीडियो में वो पांच लोग, खबर बेहद संवेदशील और अहम है दोस्तो क्योंकि एक और गेम प्लान ने उत्तराखंड में खलबली मचाने का काम किया है। Nainital District Panchayat President Controversy दगड़ियों उत्तराखंड की राजनीति इन दिनों एक नए और खतरनाक मोड़ पर खड़ी है एक ओर सत्ता के गलियारों में बहस हो रही है, कानून की बातें हो रही हैं, तो दूसरी ओर सड़क पर, सोशल मीडिया पर और अब तो एक तरफ अंदर सत्र चल रहा है तो इधर बाहर सरेआम विधानसभा के बाहर भी विपक्ष के नेताओं को “निपटाने” की बातें हो रही है। यह सिर्फ चिंता का विषय नहीं है, यह एक खुली लोकतांत्रिक त्रासदी है। अब ये इतना बड़ा कुचक्र कौन किसके लिए रच रहा होगा, ये कौन लोग है जिनके बारे में बात करने जा रहा हूं जिन्होंने नेता प्रतिपक्ष पर हमला किया है। क्योंकि ये लोग विपक्ष को निपटाना चाहते हैं। इनके पीछे कौन लोग है बल। कुछ और वैसे जिस व्यक्ति के बारे में लास्ट में जिक्र किया वो कोई मामूली आदमी नहीं है, नेता प्रतिपक्ष कोई साधारण राजनीतिक व्यक्ति नहीं होता। वह जनता के उस वर्ग की आवाज़ होता है जिसने सत्ता में बैठे लोगों के विरोध में वोट दिया होता है।
संविधान ने नेता प्रतिपक्ष को मुख्यमंत्री के समकक्ष मान्यता दी है ताकि सत्ता और जनता के बीच संतुलन बना रहे। लेकिन आज उत्तराखंड में इस गरिमामयी पद पर बैठे यशपाल आर्य के खिलाफ जैसी भाषा और साजिशों का इस्तेमाल हो रहा है, वह सीधे-सीधे लोकतंत्र पर हमला है। ठीक हो गया होगा बल ये नहीं होना चाहिए लेकिन हो क्यों रहा है, ये लोग कौन हैं। अब जो लोग नेता प्रतिपक्ष को लेकर सोशल मीडिया पर अभद्र टिप्पणियां कर रहे हैं, जो उनके खिलाफ साजिशों में शामिल हैं, वे कौन हैं? दगड़ियो नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव के दौरान जो कुछ हुआ, उसने सबकी आंखें खोल दीं। पांच सदस्यों का कथित अपहरण, विरोध में आवाज उठाने पर यशपाल आर्य पर हमले की कोशिश, और अब सोशल मीडिया पर उन्हें लेकर ‘निपटाने’ जैसी भाषा – यह क्या राजनीति है या संगठित अराजकता? दगड़ियो जब इन्हीं ‘लड़कों की टोली’ के बारे में शिकायत होती है, तो उनके खिलाफ नहीं बल्कि नेता प्रतिपक्ष के खिलाफ ही मुकदमा दर्ज कर लिया जाता है। आखिर इतना दुस्साहस इन लोगों में आया कहां से? ये कौन सी ताकतें हैं जो संविधान के सबसे महत्वपूर्ण स्तंभ – विपक्ष – को मिटा देने पर आमादा हैं?
वैसे किसी ने सोशल मीडिया पर हल्की टिप्पणी कर दी तो रात में घर से उठाकर ले जाने वाली पुलिस, जब नेता प्रतिपक्ष को लेकर खुल्लमखुल्ला धमकी दी जाती है, तब चुप क्यों रहती है? क्या अब ये तय कर लिया गया है कि अगर आप सत्ता पक्ष के खिलाफ हैं तो आपकी आवाज़ दबा दी जाएगी? फिर चाहे आप आम नागरिक हों या नेता प्रतिपक्ष, लेकिन अब ये तो एक पक्ष की बात हो गई कि ये लोग जिन्हें आपने चुना होगा अपनी तखल्ीफो को कम करने के लिए कैसे आप लोग ऐसे लोगो के पहचान नहीं पाते कि ये लोग जो आज किसी दूसरे तीसरे के साथ कर रहे हैं तो ये आपके साथ कब क्या कर दें कुछ कहा नहीं जा सकता है। वीडियो में जो दिखाई दे रहे हैं कहा ये जा रहा है कि ये लोग वही 5 लोग हैं जिनका अपहरण कर दिया कर दिया करके प्रदेश के माहौलको खराब करने की कोशिश हुई या इन लोगों ने अपने गेम प्लान से प्रदेश को उस मुहाने पर खड़ा कर दिया जहां नेता की परिभाषा बदलती दिखाई दी। अब देखो किडनैपिंग हुई बल यहां तो महपिल सजी है। सब है यहां पर जुबान पर उस नेता का नाम जो कह रहा है बल इनका अपहरण हो गया ये हमारे थे हमारे साथ थे बीजेपी वाले ले गए। अरे जनाब ये लोग आप से ज्यादा तजूर्बेकार निकले यशपाल आर्य जी। आपने तो पुत्र में मोह में जो किया उसी से युवाओं ने लगता है सीख ली और देखिए आज एक महफिल है, टेबल है, गिलास, शराब, मुंह से निकल गई वो बात जिसने पूरे खेल को खोल कर सामने रख दिया। बात कांग्रेस के सात हुई इनकी लेकिन चुनाव जीते तो पाला बदल दिया।