उत्तराखंडी लोकगीतों में झूमा लंदन…मुख्यमंत्री धामी का हुआ भव्य स्वागत, ढाई लाख करोड़ के निवेश पर नजर

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Dehradun: लंदन पहुंचने पर प्रवासी उत्तराखण्ड के लोगों द्वारा पारंपरिक लोकगीतों के माध्यम मुख्यमंत्री धामी (Chief Minister Dhami welcomed in London) का भव्य स्वागत किया गया। गढ़वाली, कुमाऊनी और जौनसार लोकगीतों पर आधारित मन को मोह लेने वाली प्रस्तुति की गई। स्वागत कार्यक्रम में मौजूद समस्त प्रवासी भारतीय उत्तराखंड के पारंपरिक परिधानों में नज़र आए। ग्लोबल इन्वेस्टर समिट (Global Investor Summit) के लिए आज लंदन में रोड शो की शुरुआत हो रही है। उससे पहले एक कार्यक्रम में सीएम धामी ने पूजा पाठ संपन्न की। यहां इन्वेस्टर समिट को प्रमोट करने के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए गए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि “यह मेरा सौभाग्य है कि उत्तराखंड के मुख्य सेवक के रूप में मुझे इन्वेस्टर समिट की बैठक (investor summit meeting) में शामिल होने के लिए लंदन आने का अवसर प्राप्त हुआ।” उन्होंने कहा लंदन में उत्तराखंड के लोगों की इतनी बड़ी भारी संख्या में उपस्थित देखकर यह प्रतीत हो रहा है कि यूके में भी उत्तराखंड का छोटा यूके बसता है।

मुख्यमंत्री धामी ने कार्यक्रम में मौजूद प्रवासी उत्तराखंडियों को संबोधित करते हुए कहा कि, उत्तराखंड देवभूमि होने के साथ ही योग, आध्यात्मिक की भी भूमि है। इसके साथ ही उत्तराखंड देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक भी है। उन्होंने कहा कि हमें गर्व है कि हमारी जड़े उत्तराखंड से जुड़ी हुई है। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने सभी लोगों का आभार जताया। उत्तराखंड के DG सूचना बंशीधर तिवारी (DG Information Banshidhar Tiwari) ने बताया कि लंदन और बर्मिंघम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और निवेशकों के बीच रोड शो होना है। उत्तराखंड में पर्यटन, IT, फूड प्रोसेसिंग यूनिट और ऑटोमोबाइल सेक्टर में निवेश के लिए बात होगी। महानिदेशक उत्तराखंड सूचना विभाग वंशीधर तिवारी का कहना है कि उत्तराखंड के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का यह दौरा ऐतिहासिक रहने वाला है। पहली बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उत्तराखंड को पहचान दिलाने के लिए किसी मुख्यमंत्री द्वारा इस तरह का रोड शो किया जा रहा है। निश्चित तौर से जिस तरह से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का लंदन में स्वागत हुआ है, वह दिखाता है कि हमारे देश के प्रति और खासतौर से उत्तराखंड के प्रति किस तरह से दुनिया सोचती है।