आगामी चारधाम यात्रा 2025 की तैयारियों और संभावित आपदा प्रबंधन की चुनौतियों को परखने के उद्देश्य से उत्तराखंड राज्य में व्यापक राज्य स्तरीय मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। Mock Drill Coordination Lack यह मॉक ड्रिल यात्रा मार्ग के महत्वपूर्ण पड़ावों और संवेदनशील स्थानों पर आयोजित की गई, जहाँ विभिन्न आपदाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली SDRF व अन्य बचाव एजेंसियों ने अपनी तैयारियों का मूल्यांकन किया। अर्पण यदुवंशी, सेनानायक, SDRF के निर्देशानुसार मॉक ड्रिल में SDRF की 16 टीमों ने प्रदेश के विभिन्न जनपदों में भाग लिया। SDRF ने भूस्खलन, सड़क अवरुद्ध, यातायात प्रबंधन, मार्ग बहाव से यात्रियों के फँसने, अग्निकांड, भारी वर्षा, बादल फटने से आई बाढ़, भूकंप, भगदड़, हैली दुर्घटना, सड़क दुर्घटनाओं जैसी विभिन्न घटनाओं में बचाव व राहत कार्यों का व्यावहारिक अभ्यास किया।
इस मॉक ड्रिल के दौरान SDRF ने फायर सर्विस, जिला प्रशासन, सिविल पुलिस, होमगार्ड्स, स्वास्थ्य विभाग तथा अन्य बचाव एवं राहत एजेंसियों के साथ समन्वय स्थापित कर संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए यात्रियों व श्रद्धालुओं को सकुशल रेस्क्यू किये जाने का अभ्यास किया। अरुण मोहन जोशी, पुलिस महानिरीक्षक, SDRF, उत्तराखंड ने कहा कि “चारधाम यात्रा के दौरान लाखों श्रद्धालु दुर्गम क्षेत्रों में भ्रमण करते हैं, जहां किसी भी आपदा की स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया जीवन रक्षक बन जाती है। SDRF इस प्रकार के अभ्यासों के माध्यम से अपने रेस्पॉन्स टाइम, संसाधनों और समन्वय कौशल को परखती है। यह मॉक ड्रिल, चारधाम यात्रा से पूर्व हमारी तैयारियों की सशक्त झलक है।”
इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य चारधाम यात्रा के दौरान आपदा की किसी भी संभावित स्थिति में समन्वित व कारगर प्रतिक्रिया सुनिश्चित करना है। इस अभ्यास का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि अगर वास्तविक आपदा की स्थिति उत्पन्न होती है, तो सभी संबंधित एजेंसियां NDRF, SDRF, पुलिस, फायर सर्विस, स्वास्थ्य विभाग और स्थानीय प्रशासन मिलकर समन्वय के साथ तुरंत कार्रवाई कर सकें। मॉक ड्रिल के माध्यम से संसाधनों की उपलब्धता, इमरजेंसी प्लानिंग और कम्युनिकेशन चैनल्स की भी समीक्षा की जा रही है। उत्तराखंड सरकार का यह कदम आपदा प्रबंधन की दिशा में एक अहम प्रयास है, जिससे न केवल प्रशासन की तैयारियों को परखा जा सकेगा बल्कि आमजन में भी आपदा के प्रति जागरूकता बढ़ेगी।