मोदी सरकार खरीद रही इतने करोड़ का मंडुआ, CM धामी ने जताया PM मोदी का आभार

Share

देहरादून: देश में मोटा अनाज की बंपर पैदावार होती है और यह सेहत के लिए भी पौष्टिक होता है लेकिन जानकारी का अभाव कहिए या फिर कोई और वजह लोग रोजमर्रा के खानपान में इस पौष्टिक आहार को शामिल करने से चूक जाते हैं। सिर्फ भारत ही नहीं दुनिया में भी मोटे अनाज को खपत ज्यादा नहीं होती। इन्हीं सब कारणों से मोदी सरकार ने 2018 में देश में मोटा अनाज वर्ष मनाया था और भारत ने मार्च 2021 में संयुक्त राष्ट्र सभा में इंटरनेशनल लेवल पर मोटा अनाज वर्ष मनाने का प्रस्ताव दिया गया था।

मोटे अनाज में ज्वार, बाजरा, रागी, मंडुआ आदि कई मिलेट्स शामिल हैं और उत्तराखंड में पर्वतीय क्षेत्रों में मंडुआ खूब होता है। इसी के मद्देनजर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्र से आग्रह किया था कि मंडुआ को भी खरीदा जाए जिसके बाद मोदी सरकार ने उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्र के किसानों के मुनाफे वाला फैसला लिया है।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भारत सरकार द्वारा मोटे अनाज (मण्डुआ) के प्रोक्यूरमेंट की अनुमति दिये जाने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं भारत सरकार का आभार व्यक्त किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा मोटे अनाज (मण्डुआ) के 0.096 लाख मीट्रिक टन की प्रोक्यूरमेंट की अनुमति मिलने से राज्य में मिलेट (मोटा अनाज) उत्पादन करने वाले किसानों को बड़ा लाभ मिलेगा। मण्डुवा, पौष्टिकता से भरपूर होता है। अब इसे किसानों से खरीद कर मिड डे मील और सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से बच्चों और लोगों को उपलब्ध कराया जा सकेगा। इससे राज्य के किसानों की आय में बढोतरी तो होगी ही, साथ ही स्कूलों के बच्चों और ज़रूरतमंदों को पौष्टिक आहार भी मिलेगा।

इस योजना से उक्त जनपदों के राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के लगभग 8 लाख परिवार लाभान्वित होगें जिनको प्रतिमाह / प्रतिकार्ड 01 कि०ग्रा० मण्डुवा निःशुल्क वितरित किया जायेगा। राज्य के पर्वतीय जनपदों में मण्डुवा का क्रय सहकारिता विभाग द्वारा जनपद अल्मोड़ा में संचालित 20 क्रय केन्द्रों एवं जनपद पौड़ी में 11 क्रय केन्द्रों पर क्रय कर खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग द्वारा इसका वितरण पात्र लाभार्थियों को सुनिश्चित किया जायेगा । प्रथम चरण में 9600 मी०टन मण्डुवा क्रय किये जाने की कार्ययोजना को क्रियान्वित किया जा रहा है। इस योजना के क्रियान्वयन में सरकार पर लगभग 45.00 करोड़ व्ययभार आयेगा।