देहरादून में एक तीन वर्ष का मासूम छत से गिरकर घायल हो गया। परिजन सहारनपुर से उसे दून अस्पताल लाए। परिजन जब इमरजेंसी पहुंचे तो स्टाफ ने जांचें पूरी होने के बाद भर्ती करने की बात कही। Government Doon Medical College चिकित्सक के मुताबिक बच्चे की अल्ट्रासाउंड और सीटी स्कैन के अलावा कई जांचें होनी थीं। तीमारदारों ने अस्पताल में जांच करवाने की जानकारी ली तो पता चला कि कई जांचें बाहर से करवानी पड़ेंगी। मासूम की मां आयशा चिकित्सकों से बच्चे को भर्ती करने के लिए गिड़गिड़ाती रही, लेकिन धरती के भगवान कहे जाने वाले चिकित्सकों का दिल नहीं पसीजा। दून अस्पताल में करीब 17 घंटे तक घायल मासूम के इलाज के लिए परिजन भटकते रहे। इस दौरान अगर बच्चे की हालत बिगड़ती तो इसका जिम्मेदार कौन होता, यह एक बड़ा सवाल है।
इस संबंध में अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ अनुराग अग्रवाल ने आपातकालीन विभाग को नोटिस जारी किया है। अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ अनुराग अग्रवाल ने कहा मामले की प्रारंभिक जांच की गई है। बच्चे का सीटी स्कैन भी किया गया था, लेकिन रात्रि के समय अल्ट्रासाउंड की सुविधा नहीं है। ऐसे में न्यूरो के चिकित्सक ने बच्चे को देखा। फिलहाल उसे न्यूरो वार्ड में एडमिट किया हुआ है। न्यूरो सर्जन की देखरेख में उसका इलाज चल रहा है। अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट अनुराग अग्रवाल ने कहा बच्चे को भर्ती करने में देरी की गई थी। जिसको लेकर इमरजेंसी विभाग को अस्पताल प्रबंधन ने नोटिस दिया है। अस्पताल प्रबंधन ने इमरजेंसी स्टाफ से यह भी कहा है कि किसी भी मरीज को रेफर नहीं किया जाए।