उत्तराखंड में 38वें राष्ट्रीय खेलों का काउंटडाउन शुरू हो चुका है। ऐसे में खेलों की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। Pithoragarh Climber Sheetal Raj इसी कड़ी में माउंट चो ओयू को फतह करने वाली पहली भारतीय महिला पर्वतारोही शीतल ने राष्ट्रीय खेलों को लेकर खास बातें कही हैं। शीतल ने बताया कि उत्तराखंड में राष्ट्रिय खेलों का आयोजन होने से राज्य के दूरदराज के पहाड़ी खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने का एक अद्वितीय अवसर प्राप्त होगा। पर्वतारोही शीतल ने कहा कि पहाड़ के खिलाड़ियों ने संसाधनों की कमी के बावजूद खुद को तराश कर अपनी प्रतिभा साबित की है। राष्ट्रीय खेलों के जरिए सुविधाएं बढ़ रही है। जो खिलाड़ियों के लिए नई संभावनाओं के द्वार खोलने का काम करेगी। हालांकि, पर्वतारोहण राष्ट्रीय खेलों का हिस्सा नहीं है, लेकिन वे इस खेल को ओलंपिक और एशियाई खेलों में नई पहचान दिलाने की उम्मीद करती हैं।
बता दे, पिथौरागढ़ जिले के सल्लोड़ा गांव की निवासी शीतल ने 2018 में विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई की। इसके अलावा, उन्होंने 8,586 मीटर ऊंची माउंट कंचनजंघा पर भी सफलतापूर्वक आरोहण किया। 15 अगस्त 2021 को, शीतल ने यूरोप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एल्ब्रुस पर भारतीय ध्वज फहराया। उन्होंने त्रिशूल सहित कई अन्य चोटियों पर भी चढ़ाई का देश का गौरव बढ़ाया है। शीतल ने अपने अद्भुत साहस से तेनजिंग नोर्गें नेशनल अवार्ड भी हासिल किया है। पर्वतारोही शीतल की आशाएं अब राज्य में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय खेलों से जुड़ी हुई हैं, शीतल ने बताया कि 38वें राष्ट्रिय खेलों का उत्तराखंड में आयोजित होने राज्य के पहाड़ी क्षेत्रों के खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा दिखाने का एक अद्भुत अवसर प्राप्त होगा। जो ये राष्ट्रिय खेल आयोजन उत्तराखण्ड के खेलों और खिलाड़ियों के विकास के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करेंगे।