जोशीमठ में नई आफत! मॉनसून के बीच फिर से पड़ने लगी दरारें, दहशत में आए लोग

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चमोलीः मॉनसून की बौछार के साथ ही जोशीमठ में नई दरारें पड़ने लगी है। जिससे लोगों की धड़कनें और बढ़ गई है। ताजा दरार सुनील वार्ड में आवासीय भवन और जोशीमठ औली मोटर मार्ग की रिटेनिंग दीवार के बीच पड़ा है। जिससे लोग दहशत में आ गए हैं। वहीं, दरारों ने स्थानीय लोगों और प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है। स्थानीय लोगों ने बताया जमीन धंसने से हमारे घर की दीवारों में दरारें बढ़ रही हैं। दरवाज़े भी धंस गए हैं। बंद करना मुश्किल है। दरवाजों की कुंडियां नहीं लग पा रहीं। ठंड के मौसम में बर्फ पड़ेगी और बारिश भी होगी। यह मकान वह सब झेल पाएगा या नहीं, यह सोचकर दिल बैठ जाता है। समुद्र तल से करीब 6000 फुट की ऊंचाई पर बसा पूरा जोशीमठ कांप रहा है। सुनील वार्ड में जनवरी में जिस जगह से भू-धंसाव शुरू हुआ था, अब वहां जमीन में बड़े-बड़े गड्ढे होने लगे हैं। इससे आपदा प्रभावितों की चिंता बढ़ गई है। लोगों को आशंका है कि बरसात में भवनों की दरारें और बढ़ सकती हैं।

जनवरी माह में भू धंसाव से नगर में 868 भवनों में दरार आई थी, जिसमें 181 भवनों को असुरक्षित घोषित किया था। अन्य में हल्की दरारें थी। आज भी करीब 60 परिवार शिविरों में रह रहे हैं। बरसात शुरू होते ही सुनील वार्ड में गड्ढा बनने की खबर से आपदा प्रभावित सहम गए हैं। आपदा के छह माह बीतने के बाद भी वैज्ञानिकों की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं होने से भी आपदा प्रभावित आशंकित हैं कि आखिरकार सरकार रिपोर्ट को सार्वजनिक क्यों नहीं कर रही है। रिपोर्ट में ऐसा क्या है जिसे छिपाने का प्रयास किया जा रहा है। जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के संरक्षक अतुल सती का कहना है कि हम पिछले चार माह से यही मांग करते आ रहे हैं कि वैज्ञानिक रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए, जिससे लोगों को पता चल सके कि वह जहां रह रहे हैं वह सुरक्षित है या नहीं। सरकार क्यों अब तक वैज्ञानिकों की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं कर रही है यह समझ से परे है।