Charfham Yatra 2022: चार धाम की यात्रा पर जाने वाले उन श्रद्धालुओं को एक लाख रुपये का बीमा कवर मिलेगा, जो केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री परिसर में किसी हादसे का शिकार होते हैं। प्रदेश के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के प्रयास से यह संभव हुआ है। चारधाम के मंदिर परिसर में तीर्थयात्रियों को किसी दुर्घटना पर यह बीमा कवर मिलेगा। रुपये के दुर्घटना बीमा की पुष्टि करते हुए सतपाल महाराज ने कहा कि चारधाम यात्रा के दौरान दुर्घटना का शिकार होने वाले लोगों को बीमा कवर उनके पिता हंसजी महाराज और मां राजराजेश्वरी देवी की पुण्य स्मृति में प्रदान किया जाएगा। केदारनाथ-बद्रीनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने इस पहल के लिए सतपाल महाराज और मानव उत्थान सेवा समिति के प्रति आभार व्यक्त किया।
केदारनाथ-बद्रीनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी हरीश गौड़ ने बताया कि श्रद्धालुओं को बीमा कवर मानव उत्थान सेवा समिति की ओर से यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड मुहैया कराएगी। उन्होंने बताया कि मानव उत्थान सेवा समिति के संस्थापक उत्तराखंड के पयर्टन एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज हैं। पहली बार चारधाम आने वाले तीर्थयात्रियों को बीमा कवर मिल रहा है। मंदिर समिति मुख्य कार्याधिकारी बीडी सिंह ने इस संबंध में उपजिलाधिकारी जोशीमठ, ऊखीमठ, बड़कोट (यमुनोत्री), भटवाड़ी (गंगोत्री) को पत्र लिखकर सूचित किया है कि मंदिर परिसर में क्षेत्र में किसी दुर्घटना पर यह बीमा कवर दिया जायेगा है। बीमा राशि का भुगतान यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड द्वारा श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के माध्यम से किया जाएगा।
वर्ष 2013 की आपदा के बाद पुनर्निर्माण से केदारपुरी भव्य व दिव्य रूप ले रही है। मास्टर प्लान के तहत केदारनाथ मंदिर परिसर को विशाल और भव्य बनाया गया है। लेकिन बाबा केदार के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालु कई बार जूते चप्पल पहन कर मंदिर के पास तक पहुंच रहे हैं। मंदिर के मुख्य द्वार पर नंदी की मूर्ति स्थापित है, यहां तक श्रद्धालु जूते चप्पल पहन कर चले जाते हैं। बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर को एक प्रस्ताव भेजा है। इसमें केदारनाथ मंदिर की पवित्रता और धार्मिक भावनाओं को देखते हुए जूते चप्पलों के साथ प्रवेश के लिए एक निश्चित दूरी निर्धारित करने की बात कही गई है। इससे केदारनाथ धाम की पवित्रता और धार्मिक आस्था को ठेस पहुंच रही है।