हरिद्वार पंचायत चुनाव के लिए ओबीसी आरक्षण की प्रक्रिया शुरू, सात दिन की समय सीमा तय

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Panchayat elections in Haridwar: उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायतराज संस्थाओं और शहरी निकायों के चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग आरक्षण के निर्धारण के लिए कैबिनेट ने एकल सदस्यीय आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है। प्रदेश सरकार न्यायमूर्ति बीएस वर्मा की अध्यक्षता में आयोग बनाने का फैसला किया है। कैबिनेट ने यह फैसला सुरेश महाजन बनाम मध्य प्रदेश सरकार मामले में सुप्रीम कोर्ट के सभी राज्यों के लिए जारी निर्देशों के आलोक में किया है। कैबिनेट ने एकल सदस्यीय आयोग से यह आशा की है कि वह हरिद्वार जिले में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए ओबीसी आरक्षण का निर्धारण कर देगा।

आयोग के अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायाधीश बीएस वर्मा ने कार्यभार ग्रहण कर लिया है। इसके साथ ही ओबीसी आरक्षण निर्धारण की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए कार्य शुरू कर दिया गया है। इसके तहत हरिद्वार में गतिमान त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की प्रक्रिया को देखते हुए अन्य पिछड़ा वर्ग आरक्षण निर्धारण के लिए सात दिन की समय सीमा तय कर दी गई है। जबकि अन्य जनपदों के लिए यह समय सीमा 14 दिन रखी गई है। इस कार्य को पूरा करने के लिए जारी आदेश अनुसार, अन्य पिछड़ा वर्ग की जनसंख्या के निर्धारण के लिए हरिद्वार जनपद में जिलाधिकारी की ओर से ग्राम, क्षेत्र और जिला पंचायत वार सूचियां तैयार कर निदेशक पंचायतीराज को सात अगस्त तक उपलब्ध कराने को कहा गया है।

सरकार 16 अगस्त तक पंचायत चुनाव की तिथि तय कर देगी। हरिद्वार जिले में त्रिस्तरीय पंचायतों का कार्यकाल 29 मार्च 2021 को समाप्त हो चुका है। सरकार ने छह महीने के लिए प्रशासक की व्यवस्था की थी। इसके बाद छह महीने का कार्यकाल बढ़ाया गया। चुनाव में देरी का मामले को उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई थी। उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से चुनाव न कराए जाने को लेकर जवाबतलब किया था। मंजूरी के बाद तय हुआ कि यदि आयोग निर्धारित समय पर अपनी रिपोर्ट नहीं दे पाएगा तो मुख्यमंत्री हाईकोर्ट के आदेश के आलोक में निर्णय लेने को अधिकृत होंगे। कैबिनेट ने तय किया है कि 16 अगस्त को त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तिथियां तय हो जाएंगी।