धराली आपदा के 14वें दिन तीन किमी आगे मिला एक शव, मौसम साफ होते ही हेली सेवा शुरू

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उत्तरकाशी के धराली में 5 अगस्त को आई आपदा के बाद SDRF की टीमें लगातार राहत और जांच कार्य में जुटी हुई हैं। मौसम खराब होने से न केवल रेस्क्यू रुक रहा है, बल्कि हेलीकॉप्टर भी उड़ान नहीं भर पाए। Dharali Rescue Operation जिससे जरूरी सामान पहुंचाने में दिक्कतें आ रही है, लेकिन मौसम की मार के बीच लोगों को दिक्कत न हो, इसके लिए पैदल मार्ग और नदी का सहारा लिया गया। दो दिन बाद मौसम खुला तो आपदा प्रभावित हर्षिल क्षेत्र में हेली सेवा शुरू हुई। मंगलवार को एमआई-17 से आपदा प्रभावित क्षेत्र के लिए रसद सामग्री भेजी गई। यहां से लोगों को भी रेसक्यू किया जा रहा है। आपदा के करीब 14 दिन बाद झाला के पास नदी में शव मिला। शव सेना का जवान बताया जा रहा है। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए जिला अस्पताल भेजा गया।

एनडीआरएफ की ओर से धराली में मलबे में दबे लोगों को ढूंढने के लिए ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार का प्रयोग किया जा रहा है। इससे इलेक्ट्रिकल डिटेक्टर वेब किसी मलबे में करीब 40 मीटर नीचे तक दबे किसी भी तत्व की जानकारी बताता है। बीती 5 अगस्त को आई भीषण आपदा में 60 से ज्यादा लोग लापता बताए जा रहे हैं। ऐसे में कई फीट नीचे मलबे में दबे लोगों को निकालने के लिए हर संभव प्रयास लगातार जारी है, लेकिन अपना सब कुछ खो बैठे लोगों को कई उम्मीद हैं। जिन्होंने अपने लोगों को खोया है, वो आज भी रेस्क्यू अभियान में लगे जवानों की तरफ बेहद उम्मीद भरी निगाहों से देख रहे हैं। उनकी बरसों की मेहनत की कमाई से बनाए आशियाने पल भर में तबाह हो गए. अपने सैलाब में बह गए, जो आज तक नहीं मिल पाए। सैलाब सब कुछ छीन गया, लेकिन अब भी धराली के लोगों ने उम्मीद नहीं हारी है।