उत्तराखंड में 110 लोगों में एक शख्स करता है ड्रग्स का सेवन, डीजीपी ने अपनाया अब कड़ा रुख, दिए ये निर्देश

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देहरादून: उत्तराखंड में करीब 110 लोगों में से एक व्यक्ति भांग से बने ड्रग्स का सेवन करता है। यह कुल जनसंख्या की 0.9 प्रतिशत आबादी है। प्रदेश का यह प्रतिशत राष्ट्रीय औसत से 0.7 से भी अधिक है। ऐसे में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने तीन वर्षों के भीतर प्रदेश को ड्रग्स मुक्त करने का लक्ष्य रखा है। ड्रग्स लेने के मामले में उत्तराखंड की यह चिंता पैदा करने वाली स्थिति नजर आती है। संस्था ने यह स्टडी चरस और गांजा का नशा करने वालों पर की है। इसके अनुसार, देशभर में करीब 1.30 करोड़ लोग चरस और गांजा का नशा करते हैं।

पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने निर्देश दिए कि त्रि-स्तरीय एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ANTF) की मासिक समीक्षा करेंगे और यदि राज्य स्तरीय टास्क फोर्स उनके पास कोई अवैध ड्रग्स पकड़ती है तो संबंधित पुलिस प्रभारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 2025 तक उत्तराखंड को नशा मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है और इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए राज्य, जिला और पुलिस थाना स्तर पर त्रिस्तरीय एएनटीएफ का गठन किया जा चुका है। कार्यशाला के दौरान उपस्थित पुलिस कर्मियों को संबोधित करते हुए। डीजीपी ने कहा कि ड्रग्स वर्तमान में दुनिया भर में आतंक के वित्तपोषण का सबसे बड़ा स्रोत है, इसलिए सभी को इसके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए अतिरिक्त प्रयास करने चाहिए क्योंकि पुलिस की सामाजिक और संवैधानिक जिम्मेदारी है।

मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार राज्य स्तर, जनपद स्तर एवं थाना स्तर पर एंटी नारकोटिक टास्क फोर्स का गठन किया गया है। यदि राज्य स्तर की टास्क फोर्स किसी थाने क्षेत्र पर जाकर ड्रग्स पकडती है, तो सम्बन्धित थाना प्रभारी की भी जवाबदेही तय की जाएगी। Enforcement, Awareness एवं Rehab तीनों को साथ लेकर चलें। पूरी युवा शक्ति को सकारात्मक दिशा में लगाना है। आप सभी अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों को समझते हुए मुख्यमंत्री के सपने ड्रग्स फ्री देवभूमि को साकार करें। उन्होंने युवाओं से अपील करते हुए कहा कि युवा अपनी उर्जा को सकारात्मक क्रिया-कलापों खेल, पढाई, कल्चरल एक्टीविटी आदि में लगाएं और ड्रग्स से दूर रहें।