अंकिता हत्याकांड का एक साल: नहीं सूखे मां-पिता के आंसू, परिजनों ने ‘सिस्टम’ पर उठाये सवाल

Share

अंकिता भंडारी प्रकरण को एक साल हो चुका है। अंकिता हत्याकांड के एक साल बाद भी उसके माता-पिता के आंखों में आंसू हैं। अंकिता के माता-पिता आज भी बेटी खोने के दर्द से जूझ रहे हैं। एक साल होने बाद भी अंकिता के माता-पिता अपनी लाडली को याद कर आज भी फफक-फफक कर रो पड़ते हैं। अंकिता के माता-पिता की आंखें अब केवल न्याय मिलने की राह देख रही हैं। किसे पता था कि पढ़ा-लिखाकर जिस बेटी को समाज में जीने लायक बनाया, उसी समाज ने उसे मौत के घाट उतार दिया। यह कहना है कि दिवंगत अंकिता के पिता वीरेंद्र भंडारी का। इकलौती बेटी को याद कर आज भी पिता की आंखें नम हो जाती हैं। करीब एक साल पहले पौड़ी जिले के डोभ श्रीकोट निवासी वीरेंद्र भंडारी की इकलौती बेटी अंकिता यमकेश्वर के वनंत्रा रिजॉर्ट से गुम हो गई थी। पिता वीरेंद्र भंडारी ने बताया कि लाडली बेटी को खो देने का गम आज तक उनको सता रहा है। लाडली के साथ ऐसा हादसा होगा, इस बात को याद करके भी रूह कांप जाती है।

दिवंगत अंकिता के पिता वीरेंद्र भंडारी बताते हैं कि बेटी को खो जाने का गम तो जीवन भर रहेगा, लेकिन सिस्टम का उन्हें साथ नहीं मिला। कहा कि सरकार ने अंकिता के गांव तक सड़क पहुंचाने व बेटे को सरकारी नौकरी देने का भी भरोसा दिया था। लेकिन एक साल होने को है। ये दोनों ही बातें आज तक पूरी नहीं हुई। सरकार ने डोभ श्रीकोट के नर्सिंग कॉलेज का नाम बेटी के नाम पर रखने का निणर्य तो लिया है। लेकिन आज तक भी ग्रामीणों को डोभ श्रीकोट से उनके घर तक करीब 3 किमी सड़क का इंतजार है। बता दें बीते रोज ही सीएम धामी ने श्रीनगर के श्रीकोट स्थित राजकीय नर्सिंग कॉलेज डोभ का नाम बदलकर अंकिता भंडारी राजकीय नर्सिंग कॉलेज करने की घोषणा की। इस दौरान सीएम धामी ने कहा हम अंकिता के परिवार के साथ खड़े हैं। राज्य की हर बेटी का सम्मान और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। अंकिता हत्याकांड में धामी सरकार मुआवजे का ऐलान किया. आरोपियों की तुरंत गिरफ्तारी करवाई। इसके साथ परिवार को भी हर संभव मदद का भरोसा दिया, मगर परिवार अंकिता हत्याकांड की धीमी गति से हो रही जांच, सुनवाई, वीवीआईपी के नाम के खुलासे की मांग पर अड़ा है।