आजादी के कई साल बाद भी उत्तराखंड प्रदेश के बड़कोट में आठ गांवों के ग्रामीण जान जोखिम में डालकर आवाजाही करने के लिए मजबूर हैं। बड़कोट से आई इन तस्वीरों को देख आप अंदाजा लगा पाएंगे कि ग्रामीण रोजाना अपना जीवन जोखिम में डालकर कैसे आवाजाही कर रहे हैं।
आजादी के कई साल बीत गए हैं, लेकिन आज भी सरबडियार के आठ गांवों के लिए सड़क न बनने के कारण ग्रामीणों को मानसून में इस तरह अपनी जान जोखिम में डालकर बरसाती नालों से आवाजाही करनी पड़ती है। ग्राणीणों के लिए बनाई गई लाखों रुपये की लागत की ट्राॅली भी यहां शो-पीस बनी हुई है।
बड़कोट क्षेत्र के ठकराल पट्टी के आखिरी गांव सरनौल से लगी पुरोला तहसील के सरबडियार पट्टी की तीन ग्राम सभा के आठ गांव के लोग बरसात में इस तरह एक से दूसरी जगह जाते हैं। सरुताल बुग्याल क्षेत्र में आने वाली बडियार नदी पर बरसात में आवाजाही इसी तरह बेहद जोखिम भरी हो जाती है।
हालांकि लोक निर्माण विभाग, वन विभाग, विकास विभाग इस नाले पर लोगों के आने-जाने लिए सुविधाएं करता है। लेकिन मानसून में इन सुविधाओं की सारी पोल खुल जाती है। इतना ही नहीं बीते दिन कोरोना वॉरियर्स की टीम को भी टीकाकरण के लिए इसी तहर सरबडियार क्षेत्र में जाना पड़ा।
वहीं मौसम विज्ञानियों ने अगले 24 घंटे में राज्य के कई पर्वतीय इलाकों में तेज बौछारों के साथ भारी बारिश की संभावना जताई है। भारी बारिश की संभावनाओं को देखते हुए मौसम विभाग की ओर से ऑरेंज अलर्ट भी जारी किया गया है।
मौसम विभाग की ओर से जारी रिपोर्ट के मुताबिक राज्य के पर्वतीय जिलों में कहीं-कहीं तेज गर्जना के साथ बिजली गिरने की भी संभावना जताई गई है। राजधानी दून में अगले चौबीस घंटे के भीतर हल्की से मध्यम बारिश के आसार हैं
यमुनोत्रीधाम सहित यमुना घाटी में बुधवार मध्य रात्री से गुरुवार सुबह तक बारिश हुई। भारी-बारिश से क्षेत्र के गाड़-गदेरे (नाले) ऊफान पर आ गए हैं। इस वजह से यमुनोत्री हाईवे कई जगह बंद हो गया है। रुद्रप्रयाग जिले में तड़के से बारिश होती रही। यहां ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग सिरोहबगड़ में अवरुद्ध हो गया है।