गढ़वाल के लोगों को नहीं काटने पड़ेंगे चक्कर, बेस अस्पताल में मरीजों को मिलेगा डायलिसिस मशीन का लाभ

डायलिसिस मशीन करीब दो माह तक बंद पड़ी रही, जिसके चलते मरीजों को डायलिसिस के लिए देहरादून या ऋषिकेश जाना पड़ता था। आज बेस अस्पताल में नई डायलिसिस यूनिट स्थापित कर दी गई है।

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उत्तराखंड में पौड़ी जिले के श्रीनगर स्थित राजकीय मेडिकल कॉलेज के बेस अस्पताल में नई डायलिसिस यूनिट स्थापित कर दी गई है। Srinagar Base Hospital Dialysis जिससे मरीजों को अन्य जिलों का रुख नहीं करना पड़ेगा। प्रदेश के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने नई डायलिसिस यूनिट का लोकार्पण किया। डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि मशीनों के समय-समय पर देखरेख का जिम्मा अब बेस अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक व उनकी टीम के अधीन रहेगा। जिसमें एक फिजिशियन व एक एनेस्थेटिस्ट के साथ ट्रेंड नर्सिंग आफिसर व नोडल (मेंटेनेंस ) रहेंगे। उन्होंने बेस अस्पताल के एमएस की टीम को समय-समय पर मशीनों से लेकर डायलिसिस सेवा की मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए।

धन सिंह रावत ने हॉस्पिटल प्रशासन को कहा कि भविष्य में पूर्व की भांति दिक्कतें नहीं आनी चाहिए। इस मौके पर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सीएमएस रावत सहित तमाम विशेषज्ञ चिकित्सक, डायलिसिस टीम व सपोर्टिंग स्टाफ के साथ जनप्रतिनिधिगण उपस्थित रहे। विदित हो कि बेस अस्पताल श्रीकोट में पिछले लंबे समय से डायलिसिस मशीन खराब थी, जिसे ठीक करने के लिए अस्पताल प्रशासन ने कई बार प्रयास किए। इसके साथ ही एआरओ (रिवर्स ऑस्मोसिस) मशीन भी बदली गई, लेकिन इसका भी कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकला। इस कारण से मशीन करीब दो माह तक बंद पड़ी रही, जिसके चलते मरीजों को डायलिसिस के लिए देहरादून या ऋषिकेश जाना पड़ता था। इससे मरीजों को न केवल समय की बर्बादी झेलनी पड़ी, बल्कि आर्थिक रूप से भी भारी खर्च उठाना पड़ा।