दिल्ली के बुराड़ी में बनने जा रही केदारनाथ मंदिर निर्माण से उपजा मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। कांग्रेस ने धामी सरकार को घेरने की रणनीति के तहत 24 जुलाई से ‘केदारनाथ प्रतिष्ठा रक्षा यात्रा’ की शुरू की है। Congress Kedarnath Pratishtha Raksha Yatra कांग्रेस ने पदयात्रा को ‘जय गंगे, जय केदार’ का नारे से शुरु की। पद यात्रा गढ़वाल मंडल के अलग-अलग गांव, शहरों से होते हुए केदारनाथ में समाप्त होगी। इस दौरान जगह-जगह जनसभाओं का आयोजन किया जाएगा। धामी कैबिनेट ने प्रदेश भर में बढ़ते विरोध को देखते हुए चारधाम समेत प्रदेश के सभी प्रसिद्ध मंदिरों के नाम इस्तेमाल को लेकर कड़े विधिक प्रावधान करने का निर्णय लिया है। बावजूद इसके दूसरी ओर कांग्रेस, दिल्ली में बनने जा रहे केदारनाथ मंदिर के विरोध में ‘केदारनाथ प्रतिष्ठा रथ यात्रा’ की शुरुआत कर दी है। वहीं दिल्ली में बन रहे केदारनाथ मंदिर के निर्माण में सरकार के किसी भी तरह से शामिल होने की बात से सरकार और भाजपा पूरी तरह से इनकार कर रही है।
वहीं ट्रस्ट के संस्थापक ने भी सरकार का इस मंदिर निर्माण से कोई सरोकार न होने की बात मीडिया से कही है लेकिन फिर भी विवाद थम नहीं रहा है। या यह कहा जाये कि विपक्ष इस मुद्दे को भुनाने में जुटा हुआ है। इसी के चलते कांग्रेस ने हरिद्वार से ‘केदारनाथ बचाओ’ पदयात्रा शुरू की है जो केदारनाथ धाम में समाप्त होगी। वहीं, सीएम धामी ने कहा कि जो लोग संसद के भीतर या अपनी कार्यशैली और पूरे चुनाव के दौरान सनातन का विरोध करते रहे हैं, ऐसे ने उनकी “केदारनाथ प्रतिष्ठा रक्षा यात्रा” एकमात्र ढकोसला है। ऐसे में इन लोगों को प्रायश्चित यात्रा करनी चाहिए। क्योंकि इन्होंने सनातन को गाली देने का काम किया है और देवी देवताओं के अपमान करने का काम किया है। जो लोग हिंदू और सनातन धर्म को ये कहते है कि ये मलेरिया, वायरल, डेंगू है और जब ऐसे लोग यात्रा की बात कहते हैं तो बहुत आश्चर्य होता है।