प्रदेश में समान नागरिक संहिता के बाद आ सकता है जनसंख्या नियंत्रण कानून, CM धामी बोले- जरूरत पड़ी तो लाएंगे कानून

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देहरादून: प्रदेश में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) व जनसांख्यिकी बदलाव को देखते हुए उठाए जा रहे कदमों के बाद अब प्रदेश सरकार जनसंख्या नियंत्रण कानून लाने पर भी विचार कर रही है। माना जा रहा है कि प्रदेश में समुदाय विशेष की लगातार बढ़ रही जनसंख्या को देखते हुए प्रदेश सरकार इस तरह का कदम उठा सकती है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस तरह के संकेत दिए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड के हित के लिए जरूरत पड़ेगी तो जनसंख्या नियंत्रण कानून भी लाएंगे। समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का ड्राफ्ट 30 जून तक फाइनल हो जाएगा। कहा कि यूसीसी पर हमारा ड्राफ्ट दूसरे राज्यों के लिए मॉडल बनेगा।

सीएम ने कहा कि धार्मिक एजेंडे के नाम पर सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जों के खिलाफ प्रदेश सरकार बेहद कठोरता के साथ कार्रवाई करेगी। जिलाधिकारियों को ऐसे मामलों में अभियान चलाने के निर्देश दे दिए गए हैं। हम एक अध्यादेश भी ला रहे हैं, जिसमें भूमि खरीद की प्रक्रिया में व्यक्ति की पृष्ठभूमि की जांच को अनिवार्य बनाया जाएगा। पार्टी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा है कि पार्टी जनसांख्यिकी बदलाव और जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून को जरूरी मानती है। पार्टी शीघ्र सरकार के साथ इस विषय पर मंत्रणा करेगी। प्रदेश सरकार इस समय प्रदेश के धार्मिक, सांस्कृतिक एवं सामाजिक स्वरूप को बरकरार रखने की प्रतिबद्धता पर लगातार कार्य कर रही है।

इस कड़ी में प्रदेश सरकार जबरन मतांतरण रोकने के लिए सख्त कानून ला चुकी है। इसमें जबरन मतांतरण कराने वाले को 10 साल की सजा और 50 हजार रुपये जुर्माना की व्यवस्था की गई है। समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए सरकार ने एक समिति का गठन किया है। इस समिति को एक बार विस्तार दिया जा चुका है। माना जा रहा है कि यह समिति 30 जून तक अपनी रिपोर्ट सौंप देगी। इमसें सभी धर्मों की महिलाओं को पैतृक संपत्ति में अधिकार देने पर भी जोर दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट देश के दूसरे राज्यों के लिए मॉडल बनेगा। गुजरात, मध्यप्रदेश, कर्नाटक और हिमाचल विधानसभा चुनाव में भाजपा के घोषणापत्र में समान नागरिक संहिता को शामिल किया गया।