Uttarakhand Electricity Crisis: उत्तराखंड में विद्युत आपूर्ति को लेकर अभी से ऊर्जा निगम की मुश्किलें बढ़ने लगी हैं। लगातार बढ़ रही गर्मी के साथ बिजली खपत भी बढ़ने लगी है। देशभर में बढ़ती डिमांड के चलते आपूर्ति सुचारू रखने के लिए ऊर्जा निगम राष्ट्रीय बाजार से महंगी बिजली खरीद को मजबूर है। पीक आवर्स में 10 रुपये प्रति यूनिट बिजली 12 रुपये की दर से खरीदनी पड़ रही है। इसके अलावा आवश्यकता के अनुसार बिजली भी बाजार से नहीं मिल पा रही है। विद्युत कटौती से निजात दिलाने के लिए आज राज्य और केंद्र के बीज अहम बैठक होने वाली है विद्युत संकट से निपटने के लिए बैठक को काफी अहम माना जा रहा है। ऐसे में राज्य की नजर केंद्र के फैसले पर होगी।
केंद्र सरकार के सामने बिजली संकट को लेकर उत्तराखंड के अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अपनी बात रखेंगे। इस दौरान जहां केंद्र की तरफ से राज्य में गैस आधारित दो प्लांट जल्द से जल्द खोले जाने की बात रखी जाएगी। वहीं राज्य भी गैस आधारित बिजली के महंगे होने की बात को केंद्र के सामने रखेगा। दरअसल, केंद्र सरकार देश भर में बिजली की कमी को लेकर राज्यों से बात करने जा रही है। जिसमें सभी गैस और कोयला आधारित प्लांट्स को शुरू किए जाने पर जोर दिया जा रहा है। उत्तराखंड में रूस और यूक्रेन के युद्ध के बाद से ही दो गैस आधारित प्लांट बंद पड़े हैं, करीब 407 मेगावाट बिजली उत्पादन की क्षमता रखने वाले इन प्लांट से राज्य को राहत मिल सकती है।