पहाड़ पर बारिश का तांडव ! | Uttarakhand News | Heavy Rain | CM Dhami | Breaking News

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उत्तराखंड CM के गढ़ में भी आई जलप्रलय, जान बचाने को चीखते दिखे लोग खतरा हर पल सिर पर! उत्तराखंड में बारिश का तांडव जारी है। दगड़़ियो अब तो मुख्यमंत्री का क्षेत्र भी डूबता दिखाई दिया है, यहां जलप्रलय ने कैसे लोगों की परेशानियों को बढ़ा दिया ये बताने के लिए आया हूं साथ ही पिथौरागढ़ में मकान खतरे में कभी बड़ा हादसा हो सकता है। There was a flood in CM’s stronghold उत्तराखंड एक बार फिर प्रकृति के कहर का सामना कर रहा है। सीमांत क्षेत्र खटीमा और पहाड़ी जनपद पिथौरागढ़ में बीते कुछ दिनों से हो रही मूसलधार बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। जहां खटीमा में भारी जलभराव से बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं, वहीं पिथौरागढ़ के कई गांवों में मकान भूस्खलन की चपेट में आ गए हैं। दोस्तोखटीमा में जलप्रलय, गांव-गांव पानी में डूबे हुए दिखाई दिये हैं, पिछले चार – पांच दिनों से लगातार हो रही बारिश ने खटीमा में कोहराम मचा दिया है। क्षेत्र की नदियों और नालों का जलस्तर इतना बढ़ गया कि कई ग्रामीण इलाकों में पानी घरों तक घुस गया। चकरपुर, भगचुरी, मेलाघाट सिसैया, नोसर, प्रतापपुर और यूपी सीमा से सटे दाह ढांकी जैसे गांवों में हालात बेहद चिंताजनक हैं। दोस्तो SDRF की टीमों ने मोटर बोट की मदद से दर्जनों परिवारों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया है। कुछ लोगों को सरकारी स्कूलों और पंचायत घरों में ठहराया गया है, जहां भोजन और पानी की व्यवस्था की गई है। बच्चों को पंचायत भवन में रखा गया है, जबकि कई परिवार अपने मवेशियों के साथ रेलवे ट्रैक किनारे पन्नियों से टेंट बनाकर रह रहे हैं। इसके अलावा दगड़ियों प्रशासन अलर्ट पर दिखाई दिया है लेकिन हालात बेकाबू होते भी दिखाई दिए हैं।

बता दूं कि तहसील प्रशासन की टीमें राहत और बचाव कार्य में लगी हैं, लेकिन लगातार बारिश के कारण चुनौती बढ़ती जा रही है। कई इलाकों में अभी भी जलभराव बना हुआ है और भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी है। स्थानीय लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की जा रही है। दगड़ियो यहां मै आपको बता दूं कि उधम सिंह नगर जिले के सीमांत क्षेत्र खटीमा में बीते वर्ष आई विकराल बाढ़ त्रासदी को लोग भूले भी नहीं थे, कि वहीं एक बार फिर बीते चार दिनों से हो रही बरसात ने खटीमा के कई इलाकों में बाढ़ आपदा जैसे हालात पैदा कर दिए हैं। खटीमा नगरीय क्षेत्र के कई इलाके भारी बारिश की वजह से जल भराव से त्रस्त हैं। ग्रामीण इलाकों की अगर बात की जाये तो चकरपुर के वन रावत बस्ती, मेलाघाट सिसैया, भगचुरी, सहित कई इलाके जल भराव की आपदा को झेल रहे हैं। यहां तो लगता है अब हर साल बारिश और बाढ़ से होती तबाही नियती बन चुकी है ऐसा लगता है, दोस्तो वैसे तो पूरा पहाड़ी क्षेत्र आपदा की मार झेल रहा है इधर पिथौरागढ़ से खबर है कि पहाड़ दरकने लगे हैं , मकान खतरे में आने लगे हैं। दगड़ियो पिथौरागढ़ जिले के बेरीनाग और गंगोलीहाट क्षेत्रों में भी हालात बिगड़ चुके हैं। लगातार बारिश के कारण भूस्खलन की घटनाएं बढ़ गई हैं मनगड़, आमहाट, दौला उप्रेती जैसे गांवों में तीन दर्जन से ज्यादा मकान खतरे की जद में आ चुके है। मनगड़ गांव में पहाड़ी से बोल्डर गिरने से दहशत का माहौल है। ग्राम प्रधान और स्थानीय प्रशासन ने प्रभावितों को तुरंत दूसरी जगह शिफ्ट कराया है और मुआवजे की मांग भी उठाई गई है।

दगड़ियो गंगोलीहाट तहसील के कई गांवों में 12 से ज्यादा मकान खतरे में हैं। प्रशासन ने राहत और पुनर्वास कार्यों के लिए राजस्व टीमें तैनात की हैं और जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। वहीं दगड़ियो बेरीनाग में हादसा देखने को मिला जेसीबी चालक पर मलबा गिर गया। दोस्तो मंगलवार शाम को बेरीनाग-सेराघाट मार्ग पर पहाड़ी से मलबा हटाने के दौरान एक जेसीबी मशीन पर अचानक मलबा गिर गया, जिससे चालक मनोज मेहता घायल हो गया। मशीन को भी भारी नुकसान हुआ है, इस घटना के बाद सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची और राहत कार्य शुरू किया गया। दगड़ियो बड़ी परेशानी में अपना पहाड़ दिखाई देता है। औप ये संकट गहराता जा रहा है। उत्तराखंड के खटीमा से लेकर पिथौरागढ़ तक प्राकृतिक आपदा की गंभीरता बढ़ती जा रही है। चाहे जलभराव हो या भूस्खलन, लोगों की जान और संपत्ति दोनों खतरे में हैं। प्रशासन राहत और बचाव में जुटा है, लेकिन जरूरत है कि लंबी अवधि की आपदा प्रबंधन योजना बनाई जाए, ताकि हर साल दोहराई जाने वाली यह त्रासदी रोकी जा सके। पूरा उत्तराखंड आज एक सवाल के घेरे में है – क्या हर बार प्रकृति के सामने हमारी तैयारी इतनी ही कमजोर रहेगी? वो इसलिए कि क्योंकि सीमांत क्षेत्र जहां से प्रदेश के मुख्यमंत्री का वस्ता है।

वहां पीछले साल भी इसी तरह के हालात थे और इस साल भी सीमांत क्षेत्र खटीमा में बीते चार दिनों से हो रही लगातार बारिश ने अब कोहराम मचाना शुरू किया तो हर तरफ लोंगो की चीखें सुनाई दे रही हैं। खटीमा के कई ग्रामीण इलाकों में नदी नालों का पानी घुस गया। जैसा पिछले साल हुआ था। बाढ़ आपदा में फंसे ग्रामीण परिवारों को एसडीआरएफ टीम द्वारा रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर रखा गया है। क्या अब ये ही होता रहेगा। बांढ़ में फंसो और फिर सुरक्षित स्थान खोजो फिर अपना घर बार जोड़ो और फिर उसे उजड़ता देखो। अब पिथोरागढ़ में तो कुछ ऐसादेखने को मिल रहा है ना जहां कुछ लोग जड़ से ही उखड़ चुके हैं तो कुछ के घर कभी जमीन में समा सकते हैं चिंता बड़ी है दगड़ियो।