सिलक्यारा टनल से रेस्क्यू सभी भर्ती श्रमिकों को मिली छुट्टी, AIIMS ऋषिकेश से अपने-अपने घरों को हुए अब रवाना

सिलक्यारा टनल में 17 दिनों तक फंसे रहे श्रमिकों को एम्स अस्पताल से छुट्टी मिल गई है। सारे मजदूर स्वस्थ है। एम्स प्रशासन की ओर से श्रमिकों को डिस्चार्ज कर दिया गया है।

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उत्तरकाशी की सिलक्यारा टनल में 17 दिनों तक फंसे रहे श्रमिकों को एम्स अस्पताल प्रशासन की ओर से क्लीयरेंस मिल गया है। All the workers who came out of Silkyara Tunnel are fit एम्स ऋषिकेश के अस्पताल प्रशासन के सहायक प्रोफेसर डॉ. नरेंद्र कुमार ने बताया कि यहां भर्ती किए गए 41 श्रमिक अब स्वस्थ है। एम्स प्रशासन के अनुसार श्रमिकों को डिस्चार्ज कर दिया गया है। अब सभी श्रमिकों को घर पहुंचने का इंतजार शुरू हो गया है। प्रारंभिक जांच के बाद इनमें से किसी भी श्रमिक में चोट आदि जैसे कोई शिकायत नहीं पाई गई, लिहाजा मेडिकल कंडिसंस के लिए इन सभी का सघन स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। साथ ही उनके टेस्ट जैसे ब्लड, किडनी, ईसीजी, एबीजी,लीवर फंक्शन टेस्ट, एक्सरे, ईको कॉर्डियोग्राफी, एबीजी आदिटेस्ट किए गए। यह सभी श्रमिक फिजिकली नॉर्मल हैं व क्लिनिकली स्टेबल हैं।

उत्तरकाशी में स्थित सिल्क्यारा टनल के 12 नवंबर को ढह जाने के बाद 41 मजदूर उसमें फंस गए थे। ये सभी मजदूर त्तरकाशी जिले में यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर 4.5 किमी लंबी सुरंग के आखिरी 400 मीटर हिस्से को पूरा करने का काम कर रहे थे। 17 दिनों के कठिन बचाव अभियान के बाद 28 नवंबर को सभी को सुरक्षित टनल से बाहर निकाला गया था और मेडिकल जांच के लिए उन्हें एम्स-ऋषिकेश ले जाया गया था। मजदूरों को 24 घंटे तक मेडिकल निगरानी में रखा गया था और उनकी जांच की गई थी। एम्स-ऋषिकेश के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आरबी कालिया ने कहा, ”शुरुआती जांच के बाद, किसी भी कर्मचारी को कोई चोट या किसी भी प्रकार की मेडिकल समस्या नहीं पाई गई थी। हालांकि, उनके स्वास्थ्य की पूरी स्थिति का पता लगाने के लिए गहन चिकित्सा जांच की गई। कई परीक्षणों के बाद, वे सभी शारीरिक रूप से फिट और मेडिकल रूप से स्थिर पाए गए।