उत्तराखंड में मानसून से लगातार हालात खराब हो रहे हैं। आलम ये है कि बीते 7 दिनों में अलग-अलग घटनाओं में कई लोगों की मौत हो चुकी है। अभी पूरी जुलाई की बारिश बाकी है। Uttarkashi Landslide People Missing ऐसे में बारिश का यह तांडव अभी यह हाल कर रहा है तो आगे क्या होगा? इसको लेकर सरकार चिंता में है। उधर, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी में हुए हादसों में 16 लोगों की तलाश अभी भी जारी है। यमुनोत्री हाईवे पर सिलाई बैंड के पास बादल फटने से आए जलजले में लापता नौ में से दो मजदूरों के शव बरामद तो रविवार को बरामद हो गए थे, लेकिन अन्य की तलाश के लिए सोमवार को एनडीआरएफ, एसडीआरएफ व आइटीबीपी के टीम ने घटनास्थल से लेकर यमुना नदी के किनारे से सरुखेत तक करीब 36 किमी दायरे में सर्च अभियान चलाया। डीएम प्रशांत कुमार आर्य व एसपी सरिता डोबाल ने घटनास्थल पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। डीएम ने सर्च आपरेशन में तेजी लाने के साथ सड़क बहने से अवरुद्ध यमुनोत्री हाईवे की शीघ्र बहाली के लिए एनएच के अधिकारियों को निर्देश दिए।
डीएम प्रशांत कुमार आर्य ने कहा कि किसी भी स्थिति में लापता व्यक्तियों की खोजबीन में कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी तथा प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने मौके पर तैनात सभी अधिकारियों एवं बचाव दलों को पूर्ण समन्वय व सतर्कता के साथ कार्य करने के निर्देश दिए। उत्तरकाशी समेत प्रदेश के कई पर्वतीय जिलों में पिछले 24 घंटे से लगातार बारिश हो रही है. इससे गंगोत्री और यमुनोत्री हाईवे जगह-जगह बाधित हो गया है। वहीं रात को पहाड़ी से बोल्डर गिरने का भय ज्यादा रहता है। जिसको देखते हुए जिला आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से निर्देश जारी किए गए हैं कि रात्री में सभी प्रकार के वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध रहेगा। जिले में पुलिस के 6 बैरियर हैं। इन बैरियरों पर रात 9 बजे के बाद आने वाले वाहनों को उसके आसपास ही सुरक्षित स्थानों पर ही रूकवाया जाएगा। क्योंकि पूर्व के वर्षों में कई बार रात में वाहनों की आवाजाही के दौरान अचानक हुए भूस्खलन के कारण कई घटनाएं देखने को मिली हैं। हालांकि इस दौरान आपातकालीन वाहनों सहित सैन्य और अर्द्धसैनिक बलों के वाहनों को आवाजाही की अनुमति होगी।