Uttarakashi: सिल्क्यारा में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी, धीरे-धीरे पहुंच रहा उम्मीदों का पाइप..21 मीटर अंदर तक पहुंची मशीन

उत्तरकाशी सिलक्यारा टनल हादसे के पांचवें दिन भी घटनास्थल पर रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। अमेरिकी ऑगर मशीन ने 21 मीटर तक ड्रिलिंग का काम कर लिया है।

Share

सिलक्यारा सुरंग के एक हिस्से के ढहने से पांच दिनों से फंसे 40 मजदूरों को बाहर निकालने की कोशिशें तेज कर दी गई हैं। Uttarkashi Tunnel Accident Rescue update दिल्ली से लाई गई अमेरिकी ऑगर मशीन से गुरुवार को ड्रिलिंग शुरू कर दी गई। ड्रिलिंग के बाद स्टील के बड़े व्यास वाले पाइपों से एक एस्केप टनल तैयार की जाएगी ताकि मजदूरों को बाहर निकाला जा सके। दो बार कोशिश विफल होने के बाद मंगवाई गई अमेरिकी ऑगर मशीन ने 21 मीटर तक ड्रिलिंग का काम कर लिया है। जैसे-जैसे मशीन आगे बढ़ रही है, मजदूरों के बाहर आने की उम्मीद भी बढ़ रही है। अमेरिकी जैक एंड पुश अर्थ ऑगर मशीन से शुक्रवार की सुबह तक 21 मीटर तक पाइप मलबे में डाले जा चुके हैं। यह हाई पावर मशीन एक घंटे में 5 से 6 मीटर तक ड्रिलिंग कर रही है, लेकिन डेढ़ घंटे में सिर्फ 3 मीटर ही पाइप मलबे में जा पा रहा है। पाइप को वेल्डिंग और उसके एलाइनमेंट को सही करने में ज्यादा समय लग रहा है।

वहीं, देर रात सुरंग के अंदर एक मजदूर की तबीयत खराब होने लगी। मजदूर को चक्कर आने और उल्टी होने की सूचना मिलने से बाकी मजदूर घबरा गए। इसके बाद डॉक्टरों की सलाह पर मजदूर को पाइप के जरिये दवा भेजी गई। कुछ मजदूरों में बुखार, बदन दर्द और घबराहट की शिकायतें हैं। हालांकि मजदूरों को हर आधा घंटे में खाद्य सामग्री भेजी जा रही है। उन्हें बॉक्सिजन, बिजली, दवाएं और पानी भी पाइप के जरिए लगातार पहुंचाया जा रहा है। उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रति घंटे पांच से सात मीटर भेदन क्षमता वाली मशीन जल्दी ही सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों तक पहुंच जाएगी। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश में सभी निर्माणाधीन सुरंगों की समीक्षा करने का फैसला लिया है। सुरंग में फंसे 40 मजदूरों को बाहर निकालने के लिए चल रहा रेस्क्यू ऑपरेशन पीएमओ की निगरानी में चल रहा है, इसलिए टनल के अंदर ITBP और NDRF के जवानों को मोर्चे पर लगाया गया है।