तीन धामों की यात्रा तो की, लेकिन बद्रीविशाल के दर्शनों की इच्छा मन में ही रह गई। गुरुवार सुबह हंसी-खुशी बस में बैठे सभी यात्री बद्रीविशाल के दर्शनों को लेकर काफी उत्साहित थे, बस में भजन की कीर्तन भी हो रहा था, लेकिन एकाएक हुई दर्दनाक दुर्घटना के बाद सन्नाटा पसर गया। Rudraprayag Road Accident इस दुर्घटना में बचे यात्री भी जीते जी सबकुछ खो चुके हैं। किसी ने अपने मां-बाप को खो दिया है तो किसी ने पत्नी, व रिश्तेदारों को। गंभीर रूप से घायल सभी यात्री काफी सहमे हुए हैं। कुछ बोल पाने की स्थिति में नहीं है। वाहन हादसे में लापता नौ लोगों में एक और शव आज बरामद किया गया है। रेस्क्यू दल ने रतूड़ा के पास नदी की की किनारे से शव बरामद किया। कल सुबह 7.30 बजे जब हादसा हुआ तब से ही सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय पुलिस की टीमें रेस्क्यू के लिए सर्च ऑपरेशन में लगी हैं।
हादसे में तीन लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि आठ घायल हैं और आठ यात्री लापता हैं। बीते बृहस्पतिवार को देर शाम देहरादून से लौटते ही जिलाधिकारी प्रतीक जैन ने अस्पताल पहुंचकर घायलों से की मुलाकात। बृहस्पतिवार सुबह लगभग 7 बजे राजस्थान, महाराष्ट्र और गुजरात के 18 यात्री, एक गाइड और चालक 31 सीटर बस से जिला मुख्यालय रुद्रप्रयाग से बदरीनाथ धाम के लिए रवाना हुए थे। सुबह करीब 7:30 बजे, जिला मुख्यालय से लगभग 14 किलोमीटर दूर घोलतीर के समीप बस अनियंत्रित होकर अलकनंदा नदी में गिर गई। हादसा होते ही चालक सुमित सहित 10 लोग खिड़कियों से छिटककर नदी के पास खाई में गिर गए, जबकि अन्य लोग बस सहित उफनती नदी में जा गिरे। बारिश के कारण नदी-नाले उफान पर हैं। अलकनंदा नदी का जलस्तर भी बढ़ा हुआ है। जलस्तर बढ़ने के साथ ही नदी का पानी मटमैला है। इस कारण उसमें कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा है। यही सर्च और रेस्क्यू टीमों के सामने सबसे बड़ी दिक्कत आ रही है।