मॉनसून सीजन के चलते भले ही चारधाम यात्रा की रफ्तार धीमी पड़ गई हो। लेकिन अभी भी रोजाना करीब 9 से 10 हजार श्रद्धालु धामों के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। Kanwar Pilgrims Lost In Gangotri ऐसे में यात्रा सुचारू रूप से संचालित हो, इसके लिए तमाम व्यवस्थाएं की जाती है। मौजूदा समय में एसडीआरएफ यात्रा में देवदूत बनकर आ रही है। गंगोत्री से लौटते समय बूढ़ाकेदार क्षेत्र में भटके 21 कांवड़ियों को एसडीआरएफ की टीम ने सकुशल रेस्क्यू किया। इलाके में सड़कों की हालत खराब होने के कारण एसडीआरएफ की टीम पैदल ही उस स्थान तक पहुंची। बूढ़ाकेदार से करीब 03 किलोमीटर दूर झाला स्थान पर फंसा कांवड़ियों का दल फंसा हुआ था। 28 जुलाई की शाम को बूढ़ाकेदार क्षेत्र में 21 कावड़ियों का एक समूह गंगोत्री से लौटते समय रास्ता भटक गया।
कंट्रोल रूम जनपद टिहरी ने इस बारे में सूचना दी, जिसे तत्काल एसडीआरएफ पुलिस के साथ साझा किया गया। एसडीआरएफ सब इंस्पेक्टर दीपक जोशी, बूढ़ाकेदार, ने बताया कि उन्हें इस घटना की सूचना पहले से मिल गई थी और वे अपनी टीम के साथ मौके पर रवाना हो चुके थे। इस बचाव अभियान में बूढ़ा केदार क्षेत्र में कमांडेंट एसीडआरएप मणिकांत मिश्रा के निर्देश पर भारी बारिश की दृष्टिगत पूर्व से ही तैनात एसडीआरएफ रेस्क्यू टीम ने सभी 21 कावड़ियों को भारी बारिश के बीच दुर्गम पहाड़ी मार्ग एवं उफनती नदी के किनारे से सुरक्षित बाहर निकाला। सभी कांवड़ियों को बूढ़ाकेदार बस स्टैंड पर पहुंचाया गया, जहां उनके लिए खाने और रहने की व्यवस्था की गई है।
ये कांवड़ यात्री फंसे थे
- आकाश कुमार, पुत्र तालेवर सिंह
- सोनू, पुत्र हंसराज सिंह
- सुमित कुमार, पुत्र जयदेव सिंह
- आकाश कुमार, पुत्र रोहतास सिंह
- मोहित कुमार, पुत्र उदल सिंह
- सचिन कुमार, पुत्र टीकम सिंह
- संजय कुमार, पुत्र हरपाल सिंह
- सौरव कुमार, पुत्र कलवा सिंह
- महेंद्र कुमार, पुत्र हुकम सिंह
- परवेंद्र, पुत्र खूबी सिंह
- बबलू कुमार, पुत्र प्रेम सिंह
- सुनील कुमार, पुत्र गोविंदा
- अमित कुमार गुप्ता, पुत्र शिवदत्त गुप्ता
- सुशील कुमार, पुत्र गोविंद सिंह
- विक्रम सिंह, पुत्र हरपाल कुमार
- मनीष, पुत्र राजेश
- ललित कुमार, पुत्र वीरेंद्र सिंह
- सुभाष, पुत्र कुररी सिंह
- आशीष, पुत्र सुरेंद्र कुमार
- भूपेंद्र, पुत्र रमेश चंद्र
- राजू, पुत्र डालचंद्र