धराली आपदा में जारी है अपनों को तलाश, खराब मौसम के बावजूद प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य जारी

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उत्तरकाशी के धराली में 5 अगस्त को आई आपदा को 10 दिन से ज्यादा का समय हो गया है, लेकिन अब भी कई परिजन अपनों की तलाश कर रहे हैं। रोड कनेक्टविटी न होने से परिजन परेशान होकर पैदल ही धराली पहुंच रहे हैं, तीन से चार दिन तक अपनों को जगह-जगह और जंगल में भी तलाश रहे हैं। Dharali Rescue Operation खराब मौसम और दुर्गम भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद भी राहत कर्मियों का हौसला कम नहीं हुआ है। जिलाधिकारी प्रशांत आर्य के कुशल नेतृत्व में राहत कार्यों को गति मिल रही है। रविवार को राहत कर्मियों द्वारा भागीरथी नदी में राफ्ट उतारकर घरेलू गैस सिलेंडर और अन्य आवश्यक सामग्री नदी के एक छोर से दूसरे छोर तक पहुंचाई गई। वहां से यह सामग्री प्रभावित गांवों तक भेजी गई। इसके अलावा धराली सहित अन्य सीमांत गांवों में आज खाद्यान्न वितरण भी किया गया। जिला प्रशासन यह सुनिश्चित कर रहा है कि प्रत्येक प्रभावित परिवार तक समय पर राहत सामग्री पहुंचाई जाए।

धराली, हर्षिल में आयी प्राकृतिक आपदा से हर्षिल में बनी कृत्रिम झील से निरन्तर पानी की निकासी हो रही है l पूर्ण रूप से झील के पानी की निकासी हेतु सेना के अधिकारियों के साथ आपसी समन्वय से कार्यों को तेजी से क्रियान्वित किया जा रहा है। मुख्य विकास अधिकारी एस. एल. सेमवाल ने मौके पर पहुंचकर सम्बंधित सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ स्थलीय निरीक्षण किया और झील से पानी की निकासी को लेकर जरूरी सुझाव व निर्देश दिये। चिन्यालीसौड़ टैक्सी स्टैंड के समीप गंगोत्री हाईवे का करीब 200 मीटर हिस्सा टिहरी बांध झील में समा गया है। इससे चिन्यालीसौड़ बाजार और नागणी, बडेथी का सड़क संपर्क पूरी तरह कट गया है जिससे छोटे-बड़े वाहनों की आवाजाही ठप हो गई है। जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने आपदा से क्षतिग्रस्त हुए भटवाड़ी और डबराणी में राष्ट्रीय राजमार्ग का निरीक्षण किया। उन्होंने बीआरओ और लोनिवि को भू-धंसाव का तुरंत ट्रीटमेंट करने और जल्द से जल्द हाईवे को आवाजाही के लिए खोलने के निर्देश दिए।