धर्मनगरी हरिद्वार में कांवड़ मेला सकुशल संपन्न हो गया है। इस बार 4 करोड़ से अधिक कांवड़िये हरिद्वार पहुंचे। हरिद्वार के गंगा तमाम गंगा घाटों पर शिवभक्त कांवड़िये मां गंगा में डुबकी लगाकर पुण्य तो कमा कर ले गए हैं लेकिन वे गंगा घाटों पर गंदगी का अंबार लगा गए है। विश्व प्रसिद्ध हर की पैड़ी हो या फिर हरिद्वार की सड़कें, सभी जगहों पर कूड़े का अंंबार लगा है। जिसे नगर निगम की टीम हटाने में लगी है। कांवड़ यात्री 35 हजार मीट्रिक टन कूड़ा छोड़कर चले गए हैं। जिसकी सफाई करना नगर निगम प्रशासन के लिए कड़ी चुनौती बना है। हालांकि, नगर निगम प्रशासन की ओर से सफाई अभियान शुरू कर दिया गया है।
चार जुलाई से शुरू हुए कांवड़ मेले में चार करोड़ से भी ऊपर कांवड़ यात्रियों ने हर की पैड़ी से जल भरा है। पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों की कड़ी मेहनत से कांवड़ मेला भी सकुशल संपन्न हो गया है। लेकिन कांवड़ मेले में कांवड़ यात्रियों की ओर से शहर को गंदा कर दिया गया है। जिससे गंगा घाटों के साथ ही तमाम क्षेत्रों में जगह-जगह कूड़े और प्लास्टिक की पन्नी के ढेर लगे हैं। रोड़ी बेलवाला, पंतद्वीप, ऋषिकुल मैदान, हर की पैड़ी क्षेत्र और गंगा किनारे फैली गंदगी की दुर्गंध से बुरा हाल है। इससे संक्रामक बीमारियों के फैलने का भी खतरा पैदा हो गया है। हालांकि, कांवड़ मेला क्षेत्र में प्रशासन की ओर से कूड़ेदान लगाए गए थे, लेकिन कूड़ेदान पटने से उनके किनारे कूड़ा पड़ा हुआ है। गंगा घाट भी कूड़े से भरे हैं। प्लास्टिक के ढेर जहां-तहां पड़ा है।