भारत में बांग्लादेशी और रोहिंग्या नागरिकों की अवैध घुसपैठ को लेकर सुरक्षा एजेंसियों ने पूरे देश में निगरानी तेज कर दी है। फर्जी दस्तावेजों के सहारे बड़े पैमाने पर विभिन्न राज्यों में घुसपैठियों के छिपकर रहने की जानकारी सामने आने के बाद केंद्र और राज्य सरकारें अलर्ट पर हैं। तो वही उत्तराखंड में ऑपरेशन कालनेमि के तहत देहरादून, हरिद्वार और उधमसिंहनगर सहित कई जिलों में पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां लगातार कार्रवाई कर रही हैं। हाल ही में देहरादून से 19 बांग्लादेशी नागरिक, जिनमें महिलाएं और पुरुष शामिल हैं, पकड़े जा चुके हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि इनमें से कुछ महिलाओं ने स्थानीय युवकों से विवाह कर बाकायदा गृहस्थी भी बसा ली थी।
हाल ही में देहरादून पुलिस ने पिछले तीन दिनों में नेहरू कॉलोनी और पटेलनगर इलाके से 3 महिलाएं सहित 4 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है, जो पिछले तीन वर्षों से पहचान बदलकर रह रहे थे। सभी के पास फर्जी आधार, राशन कार्ड और अन्य पहचान पत्र मिलने की बात सामने आई है। वही सुरक्षा एजेंसियों के सामने सबसे बड़ी चुनौती इन फर्जी दस्तावेजों की जांच करना है। अभी तक की जांच में कई अनसुलझे सवाल हैं जिनका जवाब ढूंढना पुलिस के लिए चुनौती बना हुआ है आम आदमी के लिए पहचान पत्र में नाम बदलाव, जन्मतिथि या पता बदलना बेहद कठिन प्रक्रिया है, लेकिन फर्जी दस्तावेज बनाने वाले जैसे राशन कार्ड, आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर कार्ड, यहां तक कि पासपोर्ट तक फर्जी तैयार कर दे रहे हैं। इससे बड़ा सवाल यह उठ खड़ा हुआ है कि आखिर यह नेटवर्क किन लोगों की मदद से संचालित हो रहा है।