देहरादून: उत्तराखंड में धामी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने परिवहन निगम में कर्मचारियों के आंदोलन पर रोक लगा दी है। बताया जा रहा है कि शासन द्वारा परिवहन निगम में छह माह के लिए अति आवश्यक सेवा अनुरक्षण अधिनियम (एस्मा) लगा दिया गया। जिसके आदेश जारी किए गए है। तो वहीं कर्मचारी यूनियन ने इसे हिटलरशाही आदेश करार दिया है। उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन ने रोडवेज में आउटसोर्सिंग एजेंसी के माध्यम से ड्राईवर-कंडक्टरों की भर्ती का विरोध शुरू किया था। इसके तहत एक व दो सितंबर को 48 घंटे का कार्य बहिष्कार भी घोषित किया गया था।
हालांकि निगम प्रबंधन के साथ वार्ता के बाद फिलहाल आंदोलन टाल दिया गया था। इस बीच परिवहन निगम ने आंदालनों पर रोक के संबंध में एस्मा का प्रस्ताव शासन को भेज दिया था। बताया जा रहा है कि अब परिवहन सचिव अरविंद सिंह ह्यांकी ने छह माह के लिए परिवहन निगम में सभी कर्मचारी संगठनों के किसी भी तरह के आंदोलन, हड़ताल पर रोक लगाते हुए एस्मा का आदेश जारी कर दिया। इसके बाद भी हड़ताल करने वालों के खिलाफ विधिक व्यवस्था के तहत कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि इससे पहले भी प्रदेश में एस्मा लगाया गया था।
इस मामले में 1 सितंबर से कर्मचारियों ने हड़ताल पर जाने का भी फैसला ले लिया था, लेकिन उससे पहले ही 31 अगस्त को परिवहन निगम अधिकारियों ने कर्मचारियों के साथ वार्ता करते हुए समझौता किया था। जिसमें आउट सोर्स एजेंसी चिन्हित नहीं करने पर बात बन गई थी। ऐसे में परिवहन निगम में कर्मचारी संगठन के नेता अशोक चौधरी कहते हैं कि उन्हें अंदेशा है कि सरकार अपने उस समझौते से पीछे हट सकती है। शायद इसलिए शासन में अचानक इस तरह कर्मचारियों की हड़ताल पर रोक लगाई है। हालांकि अशोक चौधरी कहते हैं कि कर्मचारी संगठन सरकार के इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट का भी दरवाजा खटखटाएगी। इसके अलावा जरूरत पड़ी तो कर्मचारी संगठन अपने इस मौलिक अधिकार के लिए सड़कों पर भी उतरेंगे।