दिल्ली में केदारनाथ के प्रतीकात्मक मंदिर निर्माण मामले ने पकड़ा तूल, धरने पर बैठे तीर्थ पुरोहित

दिल्ली में केदारनाथ धाम के प्रतिकात्मक मंदिर निर्माण से पूरी केदारघाटी से लेकर जिले की जनता में आक्रोश है। केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहितों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।

Share

दिल्ली के बुराड़ी स्थित हिरनकी में ‘श्री केदारनाथ धाम’ के नाम से मंदिर स्थापित किए जाने का विरोध शुरू हो गया है। Kedarnath temple controversy in Delhi केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहितों ने केदारनाथ के प्रतीकात्मक मंदिर के शिलान्यास के विरोध में एकजुट हुए। केदारनाथ धाम में तीर्थ पुरोहित समाज, व्यापारी और स्थानीय लोगों ने दिल्ली में बनाये जा रहे केदारनाथ मंदिर निर्माण के विरोध में धरना-प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहित संतोष त्रिवेदी ने कहा कि हिन्दू परंपराओं के साथ छेड़छाड़ करने का प्रयास किया जा रहा है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सरकार इस फैसले को शीघ्र वापस ले, नहीं तो देश में बड़ा आंदोलन होगा। यह हिंदू आस्था के साथ सनातन और वैदिक परंपरा का अपमान है।

केदारनाथ मंदिर के मुख्य पुजारी शिव शंकर लिंग ने बताया कि केदारनाथ धाम साक्षात हिमालय में बसा हुआ है। इसका अपना महत्व है। ऐसे में दिल्ली में जाकर केदारनाथ मंदिर का शिलान्यास करना धर्म के लिए अहित है। उन्होंने कहा कि केदारनाथ मंदिर का महत्व और अखंडता बनी रहनी चाहिए, इसकी धार्मिकता को खराब नहीं किया जाना चाहिए। तीर्थ पुरोहितों का आरोप है कि, केदारघाटी की जनता जहां दिल्ली में केदारनाथ धाम मंदिर निर्माण को लेकर आक्रोश में है वहीं उन्होंने सीएम धामी पर क्षेत्रीय स्तर की राजनीति करने का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री गढ़वाल क्षेत्र के साथ भेदभाव कर रहे हैं। केदारनाथ धाम की यात्रा में पंजीकरण की अनिवार्यता करके हजारों तीर्थयात्रियों को कुमाऊं के धामों में भेजा गया। इससे केदारनाथ धाम की यात्रा में आने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या में भारी कमी देखने को मिली।