Uttarakhand Monsoon: मौसम विभाग ने अगले पांच दिनों के लिए प्रदेश के कई जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश का अनुमान जताया था, जोकि सच साबित होता दिख रहा है। बागेश्वर जिले में बारिश के चलते हालात खराब हो गए हैं, जबकि चारधाम यात्रियों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। कहीं पहाड़ टूटने, पुश्ता ढहने, घर क्षतिग्रस्त होने, सड़के धंसने की खबरें है। दूकानों- अस्पताल में भी पानी भरा है। जगह-जगह से जो तस्वीरें सामने आ रही है। नदी किनारे स्थित सभी घाट जलमग्न हो गये हैं।
चमोली जिले के मुख्यालय गोपेश्वर के कलक्ट्रेट की ओर जाने वाले बाईपास मार्ग पर गुरुवार सुबह बोल्डर आने से सड़क बाधित हो गई है। बद्रीनाथ हाइवे अभी सुचारू है। नई टिहरी में देर रात से लगातार बारिश हो रही है। हरिद्वार में मौसम में भी मौसम बदला है। सुबह 3 बजे से हो रही बारिश ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। ज्वालपुर के कटहरा बाजार में जलभराव हुआ है। बागेश्वर के कपकोट में भारी बारिश ने तबाही मचाई हुई है। 60 गावों का जिला मुख्यालयों से सम्पर्क टूट चुका है। साथ ही एक घर बहने की भी सूचना है। कई क्षेत्रों में नेटवर्क न होने की वजह से सूचनाएं पहुंचने में देरी हो रही है। बागेश्वर जिले से निकलने वाली सरयू नदी पर भी बड़ी लैंडस्लाइड की वजह से एक विशालकाय झील का निर्माण हो चुका है। यह नदी चमोली जिले से होकर गुजरती है, जो पानी का जलस्तर बढ़ने पर किसी बड़ी आपदा को लेकर आ सकती है।
उत्तराखंड में पहाड़ से लेकर मैदान तक हो रही बारिश से जन जीवन अस्तव्यस्त हो गया है। मसूरी में लगातार हो रही बारिश लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गई है। मसूरी में मूसलाधार बारिश से झड़ीपानी स्थित एक मकान पर खेत का पुश्ता टूट गया। इससे मकान का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। बताया जा रहा है कि झड़ीपानी स्थित मुशरफ खान के मकान पर खेत का पुश्ता जा गिर गया, जिससे मकान का किचन और बाथरूम पूरी तरीके से क्षतिग्रस्त हो गये। सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच पहाड़ी से पत्थर गिरने से एक यात्री की मौके पर ही मौत हो गई है, जबकि तीन यात्री घायल हो गए। पहली ही बरसात में व्यवस्थाएं पटरी से उतर चुकी हैं। बरसात के कारण बदरीनाथ हाईवे सिरोबगड़ तो केदारनाथ हाईवे नौलापानी में सुबह से बंद पड़ा है। हजारों यात्री और स्थानीय लोग हाईवे खुलने का इंतजार कर रहे हैं।