चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की मौत का सिलसिला जारी, अबतक 80 लोगों की मौत

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उत्तराखंड की चारधाम यात्रा अपने चरम पर है। बारिश के बावजूद श्रद्धालुओं के जोश में कोई कमी नहीं दिख रही है। 4 जून की शाम तक 21 लाख से ज्यादा श्रद्धालु चारधाम के दर्शन कर चुके हैं। Devotees Died Illness Chardham सबसे ज्यादा श्रद्धालु केदारनाथ धाम पहुंचे हैं, तो दूसरे नंबर पर बदरीनाथ धाम है। यमुनोत्री और गंगोत्री में 3-3 लाख से ज्यादा श्रद्धालु पहुंचकर दर्शन कर चुके हैं। लेकिन इन चारों धामों में हर साल बड़ी संख्या में पर्यटकों की मौत भी होती है। इस साल अभी तक 80 से अधिक श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है। बीते गुरुवार को यमुनोत्री और गंगोत्री धाम की यात्रा पर आए दो श्रद्धालु की ह्रदय गति रुकने से मौत हो गई। एक मृतक तमिलनाडु और दूसरा मृतक मध्य प्रदेश का रहने वाला था। दोनों धाम में अब तक 12 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है।

चारधाम यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं को किसी तरह की दिक्कत ना हो, इसके लिए शासन से लेकर पुलिस-प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग तमाम इंतजाम करता है। फिर भी कई श्रद्धालुओं की तबीयत खराब होने के कारण मौत हो जाती है। इस साल 30 अप्रैल से शुरू हुई चारधाम यात्रा में अभी तक 80 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें सबसे अधिक मौतें केदारनाथ धाम में हुई हैं। अधिकांश मौत ऑक्सीजन की कमी, हार्ट अटैक और सांस लेने में तकलीफ होने के कारण हुई है। चारधाम के मंदिर समुद्र तल से 3 हजार से साढ़े 3 हजार मीटर की ऊंचाई पर स्थित हैं। पहाड़ों पर जैसे-जैसे ऊंचाई बढ़ती है, हवा में ऑक्सीजन का स्तर कम होता जाता है। वही स्वास्थ्य विभाग ये भी दावा कर रहा हैं इस बार बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं दी गयी है लेकिन 50 साल से ऊपर के यात्री जिनको स्वास्थ्य परेशानी है वो जिद्द कर चले जाते है ओर घटनाएं हो जाती है।