क्या है धराली का सच ये वो सवाल है जिसका जवाब हर कोई जानना चाहता है आप भी क्या धराली के टूटने-फूटने के बाद उसको फिर से जोड़ने की जुगत में लगी सरकार बकौल सरकार, Uttarakhand Dharali Disaster लेकिन कर्नल कोठियाल के कई धराली के हालात पर ताजा सवालों के बाद सरकार और प्रशासनिक अमला फिर घिर गया, लेकिन क्या है धराली का सच। कर्नल कोठियाल ने जो बातें कि उन बातों में कितनी सच्चाई है। क्यों कर्नल कोठियाल को एक लिखा हुआ बयान पढ़ कर बताना पड़ा। दोस्तो जब धराली का हाल खराब है, तो फिर प्रदेश की सियासत आकड़ों में जनता को क्या उलझा कर ऱखना चाहती है। हालांकि दोस्तो एक तरफ कांग्रेन ने जहां कर्नल कोठियाल के धराली में मलबे में दबे लोगों के आकड़ों पर सवाल किया तो वहीं सरकारी तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई।ऐसा क्यों हुआ क्या सरकार के पास धराली को लेकर जानकारी का आभाव है। क्या आपदा प्रबंधन तंत्र ने अपना काम वक्यई सही से नहीं किया, क्योंकि इस महत्वपूर्ण विभाग ने भी इस बयानों के शोर में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। अब क्यों नहीं दी पता नहीं लेकिन, दोस्तो कर्नल अजय कोठियाल (सेवानिवृत्त) ने खेद जताया कि उत्तरकाशी जिले के धराली में आई आपदा के चार महीने बाद भी मलबे में दबे 147 लोगों के शवों को नहीं निकाला जा सका।
कर्नल कोठियाल ने कहा, “अगर हर्षिल में सेना ने मलबे में दबे 10 जवानों में से सात को बाहर निकाल लिया तो हम धराली में दबे हुए 147 लोगों को क्यों नहीं निकाल सकते। कोठियाल ने आरोप लगाया कि आपदा के करीब चार माह बाद भी धराली बदहाल है और आपदा प्रबंधन तंत्र के जिम्मेदार अधिकारी, भूगर्भ शास्त्री, वैज्ञानिक और पर्यावरण विशेषज्ञ वहां के लोगों के लिए पुनर्वास के उचित रास्ते निकालने की बजाय चुनौतियों से बचने के बहाने खोजते हैं। उसके बाद कांग्रेस ने जब कोठियाल के बयान पर सच और झूठ को लेकर सवाल किया। कोठियाल का दूसरा वाला बयान सामने आया लेकिन कांग्रेस ने उस बयान पर कैसे कोठियाल को घेरा वो भी देख लीजिए। दोस्तो कांग्रेस ने कोठियाल पर बयान को टीपी से पढने का आरोप लगाते हुए कई कटाक्ष किये हैं, लेकिन सब से बड़ा सवाल ये है कि धराली के सच को कोई क्यों नहीं बताना चाहता। कोठियाल ने जब बात छेड़ दी थी अगर उनकी बातों में सच्चाई है तो वो क्यों नहीं अपनी बातों पर अडिग दिखाई नहीं दे रहें और हां सबसे बड़ा सवाल ये है कि जहां धराली पर कोठियाल के दिए गये बयान पर कांग्रेस वालों ने धराली तक दौड़ लगाई। क्या ये काम जिम्मेदार सरकारी तंत्र को नहीं करना चाहिए था। क्या प्रदेश का आपदा प्रबंधन तंत्र सच्च में पंग्गु हो चुका है। दोस्तो मामला लोगों सामने सच बोलने और झूठ परोसने का है। क्या प्रदेश की जनता को सियासत सच और झूठ में उलझा कर अपना उल्लू सीधा कर रही है। अब धराली में जमीन के नीजे दफन लोगों की संख्या 50 या फिर 147 निकाला तो किसी को नहीं गया जिनके अपने लोग गायब उनके साथ ये सियासी मजाक क्यों किया जा रहा है पता नहीं।